श्रीदिगंबर जैन चमत्कार मंदिर में चातुर्मासरत समता शिरोमणी आचार्य सुकुमाल नंदी जी गुरुदेव ने प्रवचन के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुस्कुराती हुई सुबह शाम में ढली होती है और जिंदगी की पीठ पर मौत लिखी होती है, बढ़ा लो कदम जितना बढ़ा सकते धर्म की राह में क्योंकि मृत्यु की तारीख निश्चित नहीं होती। साँसो की कोई गारंटी नहीं होती।
आचार्यश्री ने कहा की इस संसार में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं जोकि अमर हो। सबको एक ना एक दिन मरना ही पड़ता है। मरने से पहले जितना धर्म ध्यान करना है कर लो, क्योंकि इस दुनिया में सही ढंग से जी रहे हैं यही सबसे बड़ा आश्चर्य है। काल सिर पर सवार है, कदम कदम पर मौत है, हमको इस बात का ध्यान रखते हुए हर समय मृत्यु से सावधान रहना चाहिए। समय और ज्वार-भाटा कभी किसी का इंतजार नहीं करते, एक बार जो समय चला जाता है वापस नहीं आता, धर्म ध्यान और शुभ कार्य करना हो तो उसके लिए ज्यादा सोच विचार नहीं करना चाहिए और आज का कार्य कल तक नहीं छोड़ना चाहिए। काल करे सो आज कर आज करे सो अब, पल में प्रलय होगी बहुरि करेगा कब।
आचार्य ने कहा कि मैं करूंगा करूंगा करूंगा ऐसा तो सभी कहते हैं, लेकिन मैं मरुंगा मरुंगा मरुंगा इस बात को सब भूल जाते हैं। जबकि मौत सबके सिर पर मंडरा रही है और मौत कभी भी किसी को भी आ सकती है। आज तक इस मौत को कोई भी चैलेंज नहीं कर पाया है। मृत्यु अवश्यंभावी है। मृत्यु पर विजय प्राप्त नहीं कर सकता। भगवान भी मृत्यु को रोक नहीं सकते इसलिए हमें मृत्यु प्राप्त होने से पहले कुछ ऐसा कार्य कर लेना चाहिए कि हमारी सदगति हो जाए। बिना मरे तो स्वर्ग नहीं मिलता। लेकिन स्वर्ग का सुख प्राप्त करने से पहले हमको धर्म धारण करना पड़ता है। स्वर्ग तो सब प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन स्वर्गीय कोई होना नहीं चाहता। मंगलमय जीवन है या नहीं इसकी चर्चा तो सभी करते हैं लेकिन हमारा जीवन मंगलमय हो उसकी चर्चा कोई नहीं करता।
प्रवचन से पूर्व धर्म सभा का दीप प्रज्वलन मुंबई से आए प्रसिद्ध उद्योगपति सुरेश कुमार कांता देवी कोठारी ने किया तथा मंगलाचरण बुंदेलखंड से पधारे बाल ब्रहमचारी पंकज भैया ने किया।
डाॅ. शिखरचन्द जैन ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व पर विशेष सम्मेद शिखर पर्वत पर निर्माण लड्डू चढ़ाया जाएगा और आचार्य का विशेष प्रवचन होगा। साथ ही रक्षाबंधन की पूजन की जाएगी। इस अवसर पर राखी सजाओ प्रतियोगिता के अलावा शाम को ललितपुर की सौरभ पार्टी द्वारा रक्षाबंधन पर विशेष नाटिका दिखाई जाएगी।
इस अवसर पर आचार्य सुकुमाल नंदी जी गुरुदेव के संघस्थ दीक्षित शिष्य सुलोक नंदी जी का केश लोचन दोपहर को संपन्न हुआ।