आज सोेमवार को जिले में कोरोना का 1 भी केस नहीं मिला, जांचे गए सभी 85 सैंपल नेगेटिव आए। इसी के साथ कोरोना एक्टिव की संख्या भी 68 से घटकर 53 हो गई है यानि 15 पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए। जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने इस स्थिति को जिले के लिए बहुत सुखद बताते हुए आमजन से अपील की है कि बड़ी मेहनत एवं स्व अनुशासन से मिले इन परिणामों को आगे जारी रखने के लिय सरकारी गाइडलाइन की निरन्तर पालना करें। सोमवार को चौथ का बरवाड़ा कस्बे के 3, सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के 10 और शेरपुर तथा मलारना डूंगर निवासी एक-एक व्यक्ति कोरोना ने कोरोना को मत दी है। जिले में शेष बचे 53 एक्टिव केस में सवाई माधोपुर शहर में 13, गंगापुर सिटी में 7, बामनवास के कोयला, कुंआ गांव, लाडोता, बौंली में ब्लॉक मुख्यालय, बागडोली, बांसटोरडा, हिन्दुपुरा, झनून, खिरनी और कुशलपुरा, चौथ का बरवाड़ा में ब्लॉक मुख्यालय, ईसरदा, महापुरा, पांवडेरा और भगवतगढ़, गंगापुर सिटी के पिलोदा, खण्डार में ब्लॉक मुख्यालय तथा खण्डेवला, मलारना डूंगर में ब्लॉक मुख्यालय, मलारना चौड़ एवं शेषा, सवाई माधोपुर के फलौदी, रामपुरा, रवांजना डूंगर, भूरी पहाड़ी, गोगोर, जीनापुर, कुण्डेरा तथा वजीरपुर में ब्लॉक मुख्यालय तथा बडौली में कोरोना के 1-1 केस है। इन 53 पॉजिटिव में से 11 जिला अस्पताल, 6-6 गंगापुर सिटी उप जिला अस्पताल और रिया अस्पताल, 1-1 एपेक्स एवं सीएचसी में भर्ती है तथा 28 होम आइसोलेशन में रह कर चिकित्सकों की सलाह पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे है।
इन 53 एक्टिव केस में से सवाईमाधोपुर ब्लॉक में 21, बौंली में 14, गंगापुर में 10, खंडार में 5 और बामनवास ब्लॉक में 3 केस है। जिला कलेक्टर ने बताया कि लॉकडाउन की सफल पालना के साथ ही टीकाकरण तथा डोर टू डोर स्वास्थ्य सर्वे का भी कोरोना रोकथाम में बड़ी हिस्सेदारी रही है। जिले में अब तक 149626 लोगों को कोरोना टीके की पहली एवं 48078 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है। पहली डोज लेने वालों में से 37322 व्यक्ति 18 से 44 आयु वर्ग के हैं। 26 अप्रेल से लेकर 6 जून तक जिले में प्रत्येक घर में मेडिकल टीम ने जाकर कई बार सर्वे किया है तथा खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों को चिन्हित कर 47500 दवा किट वितरित की गई जिससे इस श्रेणी के मरीजों ने एक ओर तो संस्थागत स्वास्थ्य सेवाओं का बोझ नहीं बढ़ाया, दूसरी ओर इनके स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखकर इन्हें कोरोना संक्रमण से बचाया गया तथा इनमें से कुछ को संक्रमित होते ही सीएचसी पर भर्ती कर कोविड उपचार दिया गया। इस रणनीति से जिले में कोरोना संक्रमण लगातार कम होता चला गया।