परियोजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए 10 संभागों एवं 50 जिलों के प्रभारी अधिकारी नियुक्त
मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंता स्तर के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मुख्यालय पर बैठने वाले अधिकारी जल जीवन मिशन के अंतर्गत चल रहे कार्यों, शहरी पेयजल परियोजनाओं सहित अन्य कार्यों की गुणवत्ता जांच एवं मॉनिटरिंग अब फील्ड में जाकर करेंगे। ये अधिकारी जिलों एवं मुख्यालय के बीच समन्वयक बनेंगे ताकि फील्ड में आ रही समस्याओं का समय पर निदान हो सके। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी के निर्देशों के बाद विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
शासन सचिव, पीएचईड़ी डॉ. समित शर्मा ने बताया कि सुशासन की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों के तहत आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। वर्तमान में प्रगतिरत जल जीवन मिशन सहित विभाग की विभिन्न परियोजनाओं में गुणवत्ता बनाए रखने, फील्ड में मौजूद अभियंताओं को आ रही समस्याओं एवं चुनौतियों के निदान एवं रेगुलर सुपरविजन के लिए 10 संभागों के साथ ही प्रत्येक जिले का एक प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने के आदेश जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि जिलों के प्रभारी अधिकारी मुख्यालय एवं फील्ड के बीच सेतु का कार्य करेंगे। प्रति माह अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा करेंगे, परियोजनाओं की प्रगति की गहन मॉनिटरिंग के साथ ही कार्य की गुणवत्ता पर भी नजर रखेंगे एवं समय-समय पर परियोजना साइट का औचक निरीक्षण करेंगे। फील्ड में मौजूद अभियंताओं के साथ बैठक कर शहरी एवं ग्रामीण पेयजल आपूर्ति में आ रही समस्याओं का पता लगाते हुए उनका समाधान सुझाएंगे।
डॉ. शर्मा ने बताया कि अपने दौरे में प्रभारी अधिकारी संबंधित जिले के सर्वाधिक जनसंख्या वाले दो ऐसे गांव-कस्बों में भी जाएंगे जहां पानी की समस्या विकट है। वरिष्ठ अधिकारियों के दौरे इस प्रकार तय किए जाएंगे कि महत्वपूर्ण कार्य एवं बैठकों में किसी तरह की बाधा नहीं आए। प्रभारी अधिकारी दौरे, निरीक्षण एवं रात्रि विश्राम की एंट्री राजस्थान संपर्क पोर्टल पर करना सुनिश्चित करेंगे। दौरे के बाद एक रिपोर्ट तैयार कर शासन सचिव को प्रस्तुत की जाएगी ताकि उस पर आगे की कार्यवाही की जा सके।