जिला कलेक्टर डॉ.एस.पी. सिंह ने कुस्तला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। वहीं उन्होंने कुस्तला आंगनबाड़ी का भी निरीक्षण किया तथा आंगनबाड़ी के बच्चों को हलवा भी खिलाया। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि गांव के समृद्ध व्यक्ति यदि साल में एक विशेष दिन आंगनबाड़ी के बच्चों को पौष्टिक भोजन करवाये तो कुपोषण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ बच्चें ही शक्तिशाली राष्ट्र का निर्माण करते हैं।
जिला कलेक्टर डॉ.एस.पी. सिंह के सुझाव पर ग्रामीण महिलाओं ने ऐसा करने की सहमति जताई। वहीं कुुस्तला आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता ने भी पहल करते हुए अगले मंगलवार को नन्हें-मुन्नों को पौष्टिक भोजन करवाने का जिला कलेक्टर से वादा किया।
निरीक्षण के दौरान जिला कलेक्टर ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया। वहीं सफाई व्यवस्था का भी अवलोकन किया। जिला कलेक्टर ने मेडिकल ऑफिसर कविता नंदवानी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सफाई व्यवस्थाओं को लेकर सराहा। जिला कलेक्टर ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आई हुई माता को उनके नवजात शिशु के पोषण के बारे में पूछा। जिला कलेक्टर ने तुला मशीन मंगवा कर बच्चे का वजन खुद किया। उन्होंने मेडिकल ऑफिसर से पूछा कि 3 किलो 900 ग्राम के बच्चे को कितनी दवा देते हैं। उन्होंने बच्चों को दवा देने के तरीके को भी जाना और इस संबंध में अपनी ओर से भी सलाह दी।
जिला कलेक्टर ने नवजात शिशु के माता-पिता से बात कर परिवार नियोजन की भी जानकारी दी। उन्होंने मेडिकल ऑफिसर को सलाह दी कि दंपतियों को परिवार नियोजन की समूची जानकारी देवें। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि एक बड़ी समस्या है इसके निराकरण हेतु हम सब सक्रिय रूप से परिवार नियोजन का प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन को प्रत्येक दंपति अपनाएं तो बेतहाशा बढ़ती हुई जनसंख्या की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
जिला कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान कुस्तला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपस्थित अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कैलाश सोनी से कुश्ताला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जमीन के पट्टे के विषय में भी जानकारी ली। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को पट्टा दिलवाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करवाने के भी निर्देश दिए।
जिला कलेक्टर ने कुस्तला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक मरीज से बातचीत की। मरीज ने बताया कि उसे टीबी है। इस पर कलेक्टर ने पूरी संवेदनशीलता से कहा कि टीबी का ईलाज संभव है। उन्होंने कहा कि पूरा ईलाज करवाओगे तो ठीक हो जाओगे। उन्होंने मरीज से पूछा कि वो जर्दा-तम्बाकू तो नहीं खाता इस पर मरीज ने मना किया। यह सुनकर जिला कलेक्टर ने कहा कि अगर जर्दा-तम्बाकू नहीं खाओगे तो और जल्दी ठीक हो जाओगे।