जन्म-मृत्यु एवं विवाह रजिस्ट्रेशन के शत-प्रतिशत पंजीयन को सुनिश्चित करने के लिए सिविल रजिस्ट्रेशन प्रणाली के अन्तर्गत एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन जिला परिषद सभागार में जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) एवं सहायक निदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग अजय शंकर बैरवा की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। प्रशिक्षण में सम्मिलित सभी सम्भागियो को जन्म-मृत्यु एवं विवाह रजिस्ट्रीकरण अधिनियम तथा नवीनतम प्रावधानों की जानकारी दी गई। जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) ने बताया कि जन्म-मृत्यु एवं विवाह पंजीयन करवाना कानून अनिवार्य है। जन्म-मृत्यु का पंजीयन सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े उपलब्ध करवाता है। इसी से परिवार कार्यक्रम की सफलता, जन्म दर, मृत्यु दर, ज्ञात की जा सकती है। मृत्यु के रजिस्ट्रेशन में मृत्यु का कारण प्रदर्शित करने हेतु संस्थानिक घटनाओ मे MCCD FORM 4 भरवाने हेतु भी निर्देशित किया गया।
एक व्यक्ति के लिए जन्म-मृत्यु एवं विवाह प्रमाण पत्र बहुत महत्वपूर्ण है। जन्म प्रमाण पत्र की उपयोगिता विधालयों मे प्रवेश के लिए ड्राईविंग लाईसेंस पाने के लिए, पासपोर्ट लेने के लिए, नौकरी पाने के लिए होती है। इसी प्रकार मृत्यु प्रमाण-पत्र की उपयोगिता सम्पति के उत्तराधिकार हेतु, बीमा राशि पाने के लिए भूमि के नामान्तरण के लिए और विभिन्न सरकारी योजनाओं मे लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। विवाह प्रमाण पत्र का उपयोग नौकरी पाने के लिए, राशन कार्ड मे नाम जुड़वाने, के लिए आवश्यक है। जिला रजिस्ट्रार ने निर्देश दिए कि 1 जनवरी 2014 से जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र व 21 मार्च 2016 से विवाह प्रमाण-पत्र को स्वयं द्वारा या ई-मित्र केन्द्रं के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन पहचान पोर्टल पर pehchan.raj.nic.in व पहचान मोबाईल एप्प के माध्यम से निरन्तर किया जा रहा है। प्रशिक्षण में जिला/ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों/कर्मचारियों, ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी, सब रजिस्ट्रार(जन्म-मृत्यु) एवं निजी चिकित्सालियों के कार्मिको ने भाग लिया।