महूकला रेलवे कॉलोनी और गंगापुर शहर के बीच पश्चिमी मध्य रेल लाइन की महू पुलिया थोड़ी सी बरसात में ही वर्षा के जल से भर जाने के कारण दोनों तरफ का आवागमन बाधित कर देती है। ऐसे में वाहनों को आने जाने में परेशानी के साथ पैदल चलने वाले राहगीरों को रेल पटरियों के ऊपर से आवागमन करना पड़ रहा है। इसके चलते कई दुर्घटनाएं हो चुकी है।
शहर गांव और रेलवे कॉलोनी को जोड़ने के लिए एकमात्र यह पुलिया ही संसाधन है। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए आम जनता ने कई बार आंदोलन करके मांग उठाई थी। रेलवे प्रशासन और राज्य सरकार यहां पर अंडरपास बनाकर आम जनता को आवागमन के लिए राह सुलभ करें। काग्रेस के पूर्व महामंत्री एवं अखिल भारतीय राजीव गांधी विचार मंच जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश मंगल का कहना है कि वर्ष 2010-11 में कांग्रेस सरकार में तत्कालीन विधायक और संसदीय सचिव रामकेश मीणा द्वारा पहल कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से महूकला अंडर पास ब्रिज कि स्वीकृति दिलवाई गई। लेकिन 2013 में विधानसभा चुनाव के चलते वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हो सकी। 2013 में भाजपा सरकार आने पर 5 वर्षों में भाजपा सरकार ने भी इसकी वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं की। 2018 में पुनः कांग्रेस की गहलोत सरकार सत्ता संभाली। और विधायक भी क्षेत्र की आम जनता के आशीर्वाद से रामकेश मीणा बने। लेकिन अभी तक महूकला पुलिया अंडर ब्रिज की वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हो सकी है। ऐसे में आम जनता आवागमन के मुख्य रास्ते के बाधित होने से परेशान है। राहगीरों को रेल पटरी के ऊपर होकर आवागमन करने से कई बार हादसों का शिकार होने से सैकड़ों जाने जा चुकी है।
गौरतलब है कि यह पुलिया रास्ता गंगापुर शहर को महू और रेलवे कॉलोनी के साथ साथ आसपास के 20 से 25 गांव को जोड़ता है। आवागमन का साधन है। ऐसे में राज्य सरकार और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से आम जनता उम्मीद करती है कि इस ब्रिज के निर्माण के लिए शीघ्र ही वित्तीय सुकृति दिला कर आम जनता को इस आवागमन की गंभीर समस्या से निजात दिलाई जा सके।