पीएम विश्वकर्मा योजना के अन्तर्गत पारंपरिक कारीगरों एवं शिल्पकारों को उनके पारंपिक उत्पादों और सेवाओं को बढ़ाने में समग्र सहायता प्रदान की जाती है। जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के महाप्रबंधक सुग्रीव मीना ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना 17 सितम्बर को प्रारम्भ की गई नई योजना है।
इस योजना का उद्देश्य कारीगरों एवं शिल्पकारों को विश्वकर्मा के रूप में मान्यता देना तथा उन्हें योजना के तहत सभी लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र बनाना है। उनके कौशल को निखारने के लिए कौशल उन्नयन प्रदान कर उनके लिए प्रासंगिक एवं उपयुक्त प्रशिक्षण अवसर उपलब्ध करवाना है। इसके साथ ही कारीगरों एवं शिल्पकारों की क्षमता, उत्पादनकर्ता एवं उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बेहतर तथा आधुनिक उपकरणों के लिए सहायता प्रदान करना है।
इच्छुक लाभार्थियों को मॉर्गेज मुक्त ऋण आसान पहुंच प्रदान कर ब्याज छूट प्रदान कर ऋण की लागत कम करना है। उन्होंने बताया कि विश्वकर्मा के डिजिटल सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने के लिए डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन प्रदान कर विकास के नये अवसरों तक पहुंचने में मदद करने के लिए ब्रांड प्रचार एवं बाजार लिंकेज के लिए मंच प्रदान करना है।
योजना के लाभ:- प्रमाण पत्र एवं आईडी कार्ड के माध्यम से विश्वकर्मा के रूप में पहचान, कौशल सत्यापन के बाद बुनियादी प्रशिक्षण साथ ही इच्छुक उम्मीदवार 15 दिन के उन्नत प्रशिक्षण के लिए भी नामांकन कर सकते हैं। टूलकिट प्रोत्साहन के लिए 15 हजार रूपए का अनुदान, मॉर्गेज मुक्त उद्यम विकास ऋण 1 लाख रूपए 18 महीने के पुर्नभुगतान के लिए पहली किश्त एवं 2 लाख रूपए, 30 महीने के पुर्नभुगतान के लिए के लिए दूसरी किश्त। क्रेडिटकार्ड गारंटी शुल्क भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन। विपणन सहायता राष्ट्रीय विपणन समिति गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिग एवं प्रचार जैसी सेवाएं प्रदान करेगी। ई-कॉमर्स लिंकेज, व्यापार मेले विज्ञापन, प्रचार एवं अन्य विपणन गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। अधिक जानकारी के लिए जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र सवाई माधोपुर में सम्पर्क किया जा सकता है।