रिश्वत लेते ट्रेप हुए सभापति को बर्खास्त नहीं करना सरकार की संवेदनहीनता – आशा मीना
सरकारी आवास में रिश्वत लेते ट्रेप हुए सवाई माधोपुर नगर परिषद सभापति विमल चंद महावर को दो माह बाद भी निलंबित नहीं किए जाने के विरोध में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आशा मीना सोमवार को नगर परिषद कार्यालय परिसर में धरना दे रहे पार्षदों के बीच पहुंची। यहां उन्होंने पार्षदों व आमजन की समस्याएं सुनने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि रिश्वत के मामले में सभापति को ट्रेप हुए करीब दो माह का समय बीत चुका है, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सभापति का निलंबन करना तो दूर कार्यवाहक सभापति तक मनोनीत नहीं किया। यह सरकार की नैतिकता के खिलाफ है। दो माह तक सभापति का निलंबन अटकाए रखना संवेदनहीन कांग्रेस सरकार का भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना दर्शाता है।
सरकार को जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है। सभापति की कुर्सी खाली रहने से नगर परिषद में आमजन से जुड़े कार्य नहीं होने रहे है, वार्डवासी परेशान है। पार्षद कई दिनों से धरने पर बैठे है, लेकिन सरकार व उसके नुमांइदे आंख और कान बंद करके बैठे है। मीना ने बताया कि रिश्वत लेते ट्रेप हुए सभापति को निलंबित नहीं किया जाना सरकार की नैतिकता के खिलाफ है। अब तक जितने भी मामले सामने आए है, उनमें सरकार ने निलंबन किए है। कानून के हिसाब से रिश्वत लेना गैर जमानती अपराध है और गैर जमानती अपराध में जनप्रतिनिधि या लोकसेवक एक दिन भी पद पर नहीं रह सकता।
गौरतलब है कि रोड़ लाइट मेंटीनेंस के बिल पास करने की एवज में संबंधित ठेकेदार से सवाई माधोपुर नगर परिषद सभापति विमल महावर को गत 21 अक्टूबर को एसीबी ने सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। इसके बाद 22 अक्टूबर को एसीबी कोर्ट भरतपुर में पेश करने के बाद महावर को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था, तभी से वे न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं। सरकार द्वारा दो माह बीतने के बाद भी महावर का निलंबन अटका रखा है। इसके अलावा उपसभापति को भी सभापति का कार्यभार नहीं सौंपा जा रहा है। जबकि नियमानुसार सभापति का पद खाली होने पर अस्थाई कार्यभार उनके अधीनस्थ वरिष्ठ पद के व्यक्ति को सौंपा जाना चाहिए।
अपहरणकर्ताओं को शीघ्र गिरफ्तार करें पुलिस, नहीं तो होगा आंदोलन – आशा मीना
सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर उपखंड के बस स्टैंड से दिनदहाड़े बंदूक व चाकू की नोक पर एक युवक के अपहरण के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस द्वारा बरती जा रही शिथिलता पर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आशा मीना ने गहरा रोष जताया है। मीना ने सोमवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात कर घटना की विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा दिलाते हुए पुलिस अधिकारियों से बात कर आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की है।
वार्ता के बाद पुलिस अधिकारियों ने तीन दिन में अपहरण के आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। मीना ने तीन दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर पीड़ित परिवार व ग्रामीणों को साथ लेकर आंदोलन की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि सवाई माधोपुर को अपराध व अपराधियों का गढ़ नहीं बनने दिया जाएगा। गौरतलब है कि 15 दिसंबर को कमलेश मीना निवासी भूखा का मलारना डूंगर कस्बे के बस स्टैंड से कुछ युवकों ने अपहरण कर लिया था। इस मामले में पुलिस ने पीछा कर अपर्हता युवक को तो छुड़ा लिया, लेकिन अपहरणकर्ता भागने में सफल रहे।