प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत आज बुधवार को जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, यूपीएचसी सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांच की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. तेजराम मीना ने बताया कि अभियान का आयोजन कोरोना की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए किया गया। गर्भवतियों का वजन, उंचाई, पेट की जांच, खून की जांच, हीमोग्लोबिन, रक्तचाप, शुगर, एचआईवी, सिफलिस, हदय स्पंदन, यूरिन और सोनोग्राफी आदि जांचों सहित आवश्यक दवाएं उपलब्ध करवाई गई है। चिकित्सकों ने गर्भावस्था में आने वाली जटिलताओं के बारे में जागरूक किया और महिलाओं को समझाया गया कि उन्हें इस दौरान क्या खाना है, कैसे अपना खयाल रखना है, प्रसव के पूर्व उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और हारमोन संबंधी परेशानियां हो सकती हैं उसके लिए समय पर डाॅक्टर से मिलना है। जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. कमलेश मीना ने बताया कि प्रत्येक गर्भवती महिला को गुणवत्ता युक्त प्रसव पूर्व जांच सुविधाएं के लिए प्रत्येक माह 9 तारीख को एएनसी सेवाएं देने हेतु प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) मनाया जाता है।
अभियान में यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रत्येक महिला की दूसरी तथा तीसरी तिमाही तक गर्भवती गर्भवस्था में कम से कम एक बार चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य जांच अवश्य हो जाए। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए ये जरूरी है कि गर्भधारण से लेकर प्रसव होने तक हर गर्भवती महिला की समय-समय पर प्रसव पूर्व विशेष स्वास्थ्य जांच हो और उन्हें चिकित्सकीय परामर्श देकर संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जा सके।