वर्तमान में भारत एवं विश्व में असामयिक मृत्यु का मुख्य कारण ह्रदय रोग है। स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाने से ह्रदय रोग से होने वाली मृत्यु को काफी कम किया जा सकता है। हदय रोग से बचाव की जानकारी आमजन को देने के उद्देश्य से यूज हार्ट नो हार्ट थीम के साथ विश्व ह्रदय दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत जिले में आमजन की नि: शुल्क स्क्रीनिंग की गई। जिला चिकित्सालय व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बीपी व शुगर की नि: शुल्क जांच की गई। साथ ही सभी मरीजों को ह्रदय रोगों से बचाव के बारे में जानकारी दी गई। जीवन की आपाधापी के बीच सेहत और दिल को दुरूस्त रखना चुनौती बन रहा है। इनसे बचने के लिए खुद को तैयार करना होगा, तभी हमारा दिल स्वस्थ रहेगा।
लोगों को दिल की बीमारियों के प्रति जागरूक रखने के लिए हर 29 सितम्बर को विश्व ह्रदय दिवस मनाया जाता है। विश्व ह्रदय दिवस मनाने की शुरूआत वर्ष 2000 में की गई थी। दिल की बीमारी का सबसे बड़ा दुश्मन तनाव है इसका बड़ा कारण जीवनशैली है। इसके अलावा बिगडी हुई दिनचर्या, गलत खानपान, प्रदूषण के चलते दिल से जुड़ी बीमारियां काफी बढ़ रही है। अब कम उम्र में भी इस बीमारी का सामना करना पड़ रहा है। दिल को दुरूस्त करने के लिए सही खानपान, व्यायाम व तनाव से दूर रहना बहुत जरूरी है। तनाव के कारण मस्तिष्क से जो रसायन स्त्रावित होते हैं वे हदय की पूरी प्रणाली खराब कर देते हैं। ह्रदय रोग से बचाव के लिए देर रात तक ना जागें, तंबाकू का सेवन ना करें, व्यायाम करें, नमक का सेवन कम करें, संतुलित भोजन करें, कम वसा वाला आहार लें, फल सब्जियों का भरपूर सेवन करें।