बाल वाहिनियों में बालकों की सुरक्षित परिवहन व्यवस्था के संबंध में पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी की अध्यक्षता में स्थायी संयोजक समिति की बैठक आज शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई।
बैठक में पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने कहा कि बाल वाहिनी के संबंध में जारी गाइड लाइन की पूरी पालना हो। बाल वाहिनियों में बच्चों का परिवहन सुगम, सरल एवं सुरक्षित हो। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए। बाल वाहिनियों पर आवश्यक रूप से रिफ्लेक्टर एवं जीपीएस सिस्टम लगा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाल वाहिनियों पर चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 तथा चालक परिचालक के मोबाइल नंबर भी लिखें हों। उन्होंने स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर शिक्षकों, बालकों एवं अभिभावकों को जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर के संबंध में क्विज करवाए जाए, जिससे बच्चों को इसकी जानकारी हो सके।
बैठक में पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिए कि संस्था प्रधान विद्यालय के बालकों को प्रेरित करेंगे की नाबालिग बच्चे वाहन नहीं चलाएं, साथ ही यह भी बताएंगे की नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर अभिभावक को तीन साल की सजा, 25 हजार रूपए जुर्माना एवं वाहन का पंजीयन रद्द हो सकता है। उन्होंने बच्चों के माध्यम से लोगों को भी हेलमेट लगाने, यातायात नियमों की पालना करने के लिए जागरूक करने की बात भी कही।
बैठक में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बाल वाहिनियों में बच्चों के सुरक्षित परिवहन पर ध्यान देने के साथ ही बालकों की संपूर्ण सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाए। विद्यालयों के संचालक बाल वाहिनी के लिए प्रत्येक विद्यालय का संयोजक (ट्रांसपोर्ट मेनेजर) नियुक्त करें तथा पूरी निगरानी रखे। बैठक में पुलिस अधीक्षक ने बाल वाहिनी के संबंध में जिम्मेदार विभाग, कार्यालय एवं अन्य संबंधित घटकों की भूमिका एवं कर्तव्य निर्वहन पर चर्चा कर निर्देश दिए।
इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र दानोदिया, डीटीओ दयाशंकर गुप्ता, जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम बैरवा, यातायात निरीक्षण शैतान सिंह, नीलम कोठारी, प्रधानाचार्य नीरज कुमार भास्कर, नीरू गोयल, अनिता राठोड़, रेणु भास्कर सहित अन्य अधिकारी एवं निजी विद्यालयों के प्रतिनिधि मौजूद थे।