![RMSC debars three firms for violation of tender conditions](https://i0.wp.com/vikalptimes.com/wp-content/uploads/2024/03/RMSC-debars-three-firms-for-violation-of-tender-conditions.jpg?resize=618%2C373&ssl=1)
आरएमएससी ने निविदा शर्तों के उल्लंघन पर तीन फर्म को किया डीबार
राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (आरएमएससी) ने दो भेषज एवं औषधि आपूर्ति फर्म मै. एजीयो फार्मास्यिूटिकल मुम्बई एवं मैक्स मेड लाइफ साइसेंज नई दिल्ली को निविदा शर्तों का उल्लघंन करने पर अनुशासनात्मक समिति की अनुशंषा पर 3 वर्ष की अवधि के लिए डीबार किया है। साथ ही इनकी जमा प्रतिभूति राशि जब्त किए जाने के आदेश दिए हैं। इसी प्रकार सर्जिकल आइटम्स के लिए फर्म वीनस सेफ्टी एण्ड हैल्थ प्राइवेट लिमिटेड को भी निर्धारित अवधि में आपूर्ति नहीं करने पर 2 वर्ष के लिए डीबार करते हुए जमा प्रतिभूति राशि जब्त किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं। आरएमएससी की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने बताया कि फर्म मै. एजियो फार्मास्यूटिकल-मुम्बई द्वारा दवा आपूर्ति से संबंधित बिड की शर्तों का उल्लंघन किया गया।
![RMSC debars three firms for violation of tender conditions](https://i0.wp.com/vikalptimes.com/wp-content/uploads/2024/03/RMSC-debars-three-firms-for-violation-of-tender-conditions.jpg?resize=618%2C373&ssl=1)
अनुशासनात्मक समिति के समक्ष सुनवाई के दौरान कोई तथ्य भी प्रस्तुत नहीं किया। बिड शर्तों का उल्लंघन मानते हुए अनुशासनात्मक समिति की अनुशंषा पर फर्म को तीन वर्ष के लिए डिबार करने तथा 2 लाख रूपये की प्रतिभूति राशि जब्त करने के आदेश जारी किए। इसी प्रकार मै. मैक्समेड लाइफ साइंसेज प्रा.लि., नई दिल्ली ने भी दवा आपूर्ति के संबंध में बिड वापस लेते हुए सप्लाई से मना कर दिया, जो कि निविदा शर्तों का उल्लंघन था। फर्म द्वारा इस संबंध में किसी भी प्रकार का स्पष्टीकरण भी नहीं दिया गया। इसके चलते अनुशासनात्मक समिति की अनुशंषा पर फर्म को तीन वर्ष के लिए डिबार करने तथा 2 लाख रूपये की प्रतिभूति राशि जब्त करने के आदेश जारी किए। फर्म वीनस सेफ्टी एण्ड हैल्थ प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सर्जिकल आइटम्स के लिए बिड प्रस्तुत की गयी। फर्म को 10 दिवस में सप्लाई करने के लिए आदेशित किया गया, परन्तु फर्म द्वारा न तो सप्लाई की गयी और न ही सप्लाई अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया गया। अनुशासनात्मक समिति की अनुशंषा पर उक्त फर्म को आरएमएससी की निविदा में भाग नहीं लेने तथा 2 वर्ष की अवधि के लिए डीबार करते हुए जमा कराई गई प्रतिभूति राशि जब्त किए जाने के आदेश जारी किए गए।