बच्चों को पूरी फीस देकर निजी स्कूलों में लेना पड़ रहा है प्रवेश
बीकानेर:- आरटीई के तहत पिछले साल आयु की गणना 31 मार्च 2023 से की गई। अभिभावकों की मांग पर सरकार ने संशोधन कर 31 जुलाई की जगह 1 अप्रैल 2024 से आयु सीमा गणना की अभ्यर्थियों को 10 मई तक आवेदन का एक और अवसर दिया गया था, लेकिन गत वर्ष 5.38 और इस साल सिर्फ 3.17 आवेदन ही आए है।
इस साल आए 3.17 लाख आवेदन, लॉटरी 13 मई को:-
आरटीई में नि:शुल्क प्रवेश के लिए राज्य के अब तक 3.17 लाख अभ्यर्थी आवेदन कर चुके हैं। 13 मई को ऑनलाइन लॉटरी के जरिए नि:शुल्क प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों का वरीयता क्रम निर्धारण किया जाएगा। पिछले साल 5.38 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे।
बदलते प्रावधानों को, खामियाजा भुगत रहे है अभिभावक:-
आरटीई के तहत वर्ष 2012-13 से 2019-20 तक निजी स्कूलों की सिर्फ एंट्री क्लास यानी नर्सरी, एलकेजी, एचकेजी और पहली कक्षा में नि:शुल्क प्रवेश का प्रावधान था। निजी स्कूलों में हर कक्षा की 25% सीटों पर आरटीई के तहत प्रवेश होता था। कोविड-19 के बाद नियमों में बदलाव होता गया।
वर्ष 2022-23 में सरकार ने प्री-प्राइमरी के तहत निजी स्कूलों को नर्सरी, एलकेजी, एचकेजी सहित पहली कक्षा में नि:शुल्क प्रवेश के निर्देश दिए, लेकिन फीस पुनर्भरण करने से इनकार कर दिया। ऐसे में प्राइवेट स्कूल संचालक न्यायालय में गए। न्यायालय ने शिक्षा विभाग को पुनर्भरण के निर्देश दिए। वहीं, प्रवेश की प्रक्रिया केवल नर्सरी और पहली कक्षा में ही रखने के निर्देश दिए। पुनर्भरण का मामला अभी भी कोर्ट में पेंडिंग है।
पिछले साल नम्बर नहीं आया, इस साल पात्र नहीं:-
पुरानी गिन्नाणी रावतों का मोहल्ला निवासी मनोहर लाल ने बताया कि उनकी बच्ची 5 साल की है। पिछले साल आरटीई में प्रवेश का फॉर्म भरा, लेकिन लॉटरी में नंबर नहीं आया। इस साल एचकेजी के आवेदन ही नहीं हो रहे हैं। अब 8 हजार रुपए फीस देकर क्षेत्र के एक प्राइवेट स्कूल में दाखिला करवाया है।
आरटीई में आवेदन नहीं, सरकारी स्कूल में दिलाया दाखिला:-
सादुलगंज निवासी विजय सिंह ने बताया कि उनका लड़का 5 साल का है। आरटीई में प्रवेश के लिए आवेदन करने ई मित्र पर पहुंचे तो ईमित्र वाले ने कहा कि 5 साल के बच्चों का आवेदन नहीं होगा। अगले साल आना। बच्चे का पास के सरकारी स्कूल में दाखिला कराया है।
प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के नियमों में बदलाव के कारण इस बार करीब दो लाख अभ्यर्थी प्रवेश प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं। इस साल सिर्फ नर्सरी और पहली कक्षा में प्रवेश के लिए ही आवेदन मांगे गए हैं। एलकेजी और एचकेजी के लिए आवेदन ही नहीं लिए जा रहे हैं।