राज्य भर में निजी चिकित्सकों के विरोध के चलते एवं राज्य में चरमराती चिकित्सा व्यवस्था को देखते हुए 4 अप्रैल को राजस्थान सरकार द्वारा लाए गए आरटीएच बिल को सरकार ने निजी चिकित्सा संस्थानों पर लागू नहीं करने का लिखित में आश्वासन दे दिया। जिसके बाद चिकित्सकों ने अपने आन्दोलन को समाप्त करने की घोषणा की।
आईएमए जिला अध्यक्ष बीना चौधरी एवं सचिव शिवसिंह मीणा ने बताया कि सरकार ने लिखित में कहा है कि यह बिल केवल उन निजी चिकित्सा संस्थानों पर लागू होगा जिन्होंने राजस्थान सरकार से किसी भी प्रकार से कुछ अनुदान भूमि आवंटन के रूप में अथवा अन्य किसी प्रकार से अनुदान लिया है।
अन्य सभी निजी चिकित्सा संस्थानों को इस बिल के दायरे से बाहर रखा गया है। अभी यह बिल केवल मेडिकल काॅलेज लेवल, प्राइवेट हो अथवा सरकारी, पीपीपी मोड़ पर संचालित अस्पताल अवन ट्रस्ट द्वारा संचालित उन संस्थानों, जो सरकारी भूमि पर या अनुदानित भूमि पर संचालित है, उन तक ही सीमित रहेगा।
साथ ही सरकार ने आन्दोलन के दौरान चिकित्सकों पर लगाए गए सभी पुलिस केस को वापस लेने का फैसला किया है। इसी के चलते निजी चिकित्सकों ने गत 17 दिवस से चल रहे आन्दोलन की समाप्ति की घोषणा की। 5 अप्रैल से सभी निजी चिकित्सा संस्थान अपनी सेवाएं सुचारू रूप से जारी कर देंगे।