रणथंभौर बाघ परियोजना क्षेत्र में असामाजिक तत्वों एवं इस क्षेत्र के गांवों के लोगों द्वारा वर्षा ऋतु के दौरान मवेशी चराने व मवेशी चराने के लिए प्रेरित करने का कार्य कर इस राष्ट्रीय उद्यान के अस्तित्व को खतरा पैदा किया जा सकता है। ऐसे में जिला मजिस्ट्रेट राजेन्द्र किशन ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुुए आदेश जारी किया है कि कोई भी व्यक्ति/संगठन/दल उक्त राष्ट्रीय उद्यान के प्रतिबंधित क्षेत्र मे मवेशी चराने के लिए प्रेरित करने हेतु किसी प्रकार के सभा, धरने और प्रदर्शन आदि का आयोजन नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति/संगठन/दल उक्त प्रतिबंधित क्षेत्र में मवेशी लेकर प्रवेश नहीं करेगा।
आदेश की अवमानना भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है। यह आदेश 1 जुलाई से 31 अगस्त की सांय 6 बजे तक प्रभावी रहेगा।