रक्तदान से रक्त संबंध – निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज
संत निरंकारी सत्संग भवन सवाई माधोपुर में 24 अप्रैल को मानव एकता दिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 37 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ और सभी रक्तदाताओं ने स्वैच्छापूर्वक सम्मिलित होकर पूरे जोश एवं उत्साह से रक्तदान किया, निरंकारी भाई बहनों से प्रभावित होकर स्वयं डॉक्टरों ने भी अपना रक्तदान मानवता की सेवा के लिए किया। सरकारी अस्पताल ब्लड बैंक के सुयोग्य डॉ. जीपी मथुरिया एवं उनकी टीम द्वारा रक्त एकत्रित किया गया।
रक्त संग्रहित करने वाले अस्पतालों के डॉक्टरों एवं आंगतुको ने मिशन की निः स्वार्थ भाव से की जा रही सभी सेवाओं हेतु भूरी भूरी प्रंशसा की और साथ ही भक्तों ने बाबा गुरबचन सिंह जी की शिक्षाओं पर प्रेरणादायक गीत, विचार, कविताओं की प्रस्तुति दी। मानव एकता दिवस के अवसर पर दिल्ली में लगभग 1,200 युनिट रक्त संग्रहित हुए, इसी के साथ संपूर्ण भारतवर्ष में 50 हजार से अधिक युनिट रक्त एकत्रित किया गया।
“रक्तदान सामाजिक कारक न होकर मानवीयता का एक ऐसा दिव्य गुण है जो योगदान की भावना को दर्शाता है” उक्त् उद्गार निरंकारी सतगुरू माता सुदीक्षा जी द्वारा मानव एकता दिवस के अवसर पर विशाल जनसमूह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये गये, रक्तदान निष्काम सेवा का एक ऐसा सुंदर भाव होता है जिसमें केवल सर्वत्र के भले की कामना ही मन में होती है। फिर हृदय में यह भावना उत्पन्न नहीं होती कि केवल हमारे सगे संबंधी या हमारा परिवार ही महत्वपूर्ण है अपितु समस्त संसार ही हमारा परिवार बन जाता है।
जैसा कि सर्वविदित ही है कि निरंकारी जगत में “मानव एकता दिवस” का दिन युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी की प्रेरणादायी सिखलाईयों को समर्पित है। इसके साथ ही सेवा के पुंज, पूर्ण समर्पित गुरु भक्त चाचा प्रताप सिंह एवं अन्य महान बलिदानी संतों को भी इस दिन स्मरण किया जाता है। मानव एकता दिवस के अवसर पर समूचे देश के विभिन्न स्थानों पर सत्संग कार्यक्रमों के साथ विशाल रूप में रक्तदान शिविरों की श्रृंखलाओं का आरम्भ हो जाता है जो वर्ष भर चलता है।