सांप-सीढी खेल में बच्चों ने जाना अपना अधिकार
राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे बाल संरक्षण संकल्प यात्रा के जस्टाना ग्राम भ्रमण के दौरान बाल विवाह का दंश झेल रही ललिता ने बाल मित्र सोना बैरवा से अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि बड़ी बहन के साथ 14 साल की उम्र में शादी रणथंभौर निवासी चौथमल से कर दी गई। ससुराल में मासिक विकलांग पति आये दिन मारपीट करता था कुछ दिन सहती रही किन्तु मारपीट से तंग आकर पीहर चली आई। पांच साल से अपनी विधवा मां ग्यारसी देवी के साथ रह रही हूं।
मां विधवा पेंशन से घर खर्च चलाती है। पंचों द्वारा फैसला भी कराया गया था किन्तु परित्यक्ता पेंशन का लाभ कई बार चक्कर काटने के बाद भी नहीं मिल रहा हैं। इस दौरान बाल मित्रों द्वारा परित्यक्ता पेंशन आवेदन आनलाईन कराने की कार्यवाही शुरू की गई।
बाल संरक्षण संकल्प यात्रा मंगलवार को जस्टाना पंचायत पहुंचा जहां सरपंच सुनीता देवी मीणा, ग्राम विकास अधिकारी ब्रहमसिंह बैरवा सहित पंचायत सदस्यों के साथ बैठक कर बच्चों के हितों लिए ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण कमेटी का गठन कर सदस्यों का क्षमतावर्धन किया। बाल मित्रों द्वारा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर विधिवत चर्चा करते हुए आवश्यकता वाले बच्चों हेतु रजिस्टर संधारण करने का सुझाव भी दिया गया। यात्रा दल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जस्टाना में बाल शिविर के दौरान बच्चों को बाल अधिकार, बाल संरक्षण सहित यात्रा के सात संकल्पों पर चर्चा करते हुए शपथ दिलाई गई।
साथ ही सांप सीढी खेल के माध्यम से बच्चों के अधिकार सहित बाल विवाह के दुष्परिणा व सामानता व दुर्यव्यवहार जैसी बुराईयों पर खेल खेल में सीख दी गई। स्कूल के प्रधानाध्यापक हंसराज मीणा ने बताया कि विद्यालय में 342 बच्चे अध्ययरत है जिसमें 154 बालक एवं 188 बालिकाएं है। ग्राम भ्रमण घर-घर दस्तक के दौरान सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के 14 आवेदन आनलाईन कराने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई। इस अवसर पर यात्रा समन्वयक कैलाश चन्द सैनी, सीताराम गुर्जर, सोना बैरवा, सफिस्ता खान, मंजित गुर्जर, धर्मेन्द्र यादव, अजय, नरेश उपस्थित थे।