राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष शेरसिंह चौहान के आह्वान पर शिक्षकों को उनके मूल कार्य छात्रों को पढ़ाने से दूर कर मनमाने ढंग से गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाने के विरोध में संघ के सवाई माधोपुर ब्लॉक अध्यक्ष रशीद अहमद देशवाली के नेतृत्व में मुख्य सचिव के नाम उपखंड अधिकारी सवाई माधोपुर को ज्ञापन दिया गया।
जिलाध्यक्ष मोहम्मद जाकिर ने बताया कि आंदोलन के प्रथम चरण में 27 जुलाई को जिले के सभी उपखंड मुख्यालय पर प्रदर्शन कर सरकार के नाम ज्ञापन देकर नि:शुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 की पालना सुनिश्चित कर शिक्षकों को बीएलओ, मिड डे मील, दूध वितरण व सरकारी ऑफिसों में लिपिकीय कार्य में लगाने जैसे गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त कराने की मांग की गई है। संघ के ब्लॉक मंत्री विनोद जैन ने बताया कि मुख्य सचिव को प्रेषित चरणबद्ध आंदोलन के नोटिस में लिखा है कि सरकार की ओर से समय-समय पर जारी आदेशों के तहत 10 वर्षीय जनगणना, निर्वाचन तथा आपदा प्रबंधन के कार्यों के अतिरिक्त शिक्षकों को किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाने के आदेश जारी किए हुए हैं।
लेकिन उच्चतम न्यायालय तथा राज्य सरकार के ऐसे सभी जारी आदेशों को दरकिनार कर वर्तमान में शिक्षकों को उनके मूल कार्य से विमुख कर अनेक प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाकर बहुउद्देशीय कर्मचारी बना दिया गया है। हालत यह हैं कि राज्य भर में जिला एवं उपखंड स्तर पर विभिन्न आला अधिकारियों की ओर से शिक्षकों को आए दिन गैर शैक्षणिक कार्यों में लगातार लगाने से स्कूलों में विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य और परीक्षा परिणाम प्रभावित हो रहा है। संघ की ओर से समय-समय पर विभिन्न ज्ञापन धरना प्रदर्शन के माध्यम से शिक्षकों से लिए जा रहे गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने का आग्रह किया जाता रहा है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
प्रदेश सलाहकार हरिशंकर गुर्जर ने बताया की राज्य के विभिन्न उपखंड अधिकारियों के द्वारा निर्वाचन विभाग की ओर से जारी दिशा निर्देशों को दरकिनार कर अन्य विभाग के कर्मचारियों की बजाय अधिकतर शिक्षकों को ही मनमाने तरीक़े से बीएलओ लगाया जाता है और उन्हें तरह-तरह के नोटिस एवं धमकी देकर प्रताड़ित भी किया जाता है। यही नहीं स्कूलों में भी शिक्षकों पर मिड डे मील, दूध वितरण, साक्षरता, ई – ग्राम प्रभारी, आए दिन विभिन्न प्रकार की सरकारी डाक सूचनाओं के आदान-प्रदान के आंकड़ों में उलझा कर शिक्षण कार्य से दूर किया जा रहा है, जिससे शिक्षकों में भारी असंतोष है। ज्ञापन कार्यक्रम में जिला संरक्षक दिलराज सिंह चौहान, नसीर मोहम्मद, जिला उपाध्यक्ष रमेश चंद वर्मा, भुवनेश्वर शर्मा, चंद्रेश गुप्ता, जिला मंत्री राहुल सिंह गुर्जर आदि शिक्षक नेता उपस्थित रहे।
सरकारी ऑफिसों में लिपिकीय कार्य में लगा रखे शिक्षकों को भेजा जाए स्कूल
संघ के जिला मंत्री राहुल सिंह गुर्जर ने बताया की निर्वाचन विभाग की ओर से विभिन्न विभागों के एक दर्जन कर्मचारियों को बीएलओ लगाने के लिखित आदेश हैं। लेकिन पूरे राज्य में अधिकतर शिक्षकों को ही बीएलओ लगाया जा रहा है। यही नहीं अनेक स्कूल के संस्था प्रधान, पोषाहार प्रभारी, एकल अध्यापक, ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों को शहर में बीएलओ लगा दिया जाता है।
स्कूलों में प्रवेश उत्सव, नामांकन वृद्धि अभियान के दौरान भी विभिन्न जिलों में शिक्षकों को विभिन्न प्रशासनिक एवं शिक्षा अधिकारी मनमाने तरीके से अपने अपने कार्यालय में लगा लेते है। संघ ने राज्य के सभी कार्यालयों में लिपिकीय कार्य हेतु लगाए गए ऐसे सभी शिक्षकों को उनके मूल विद्यालयों के लिए कार्य मुक्त करवाये जाने की भी मांग रखी है।