राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार आज शुक्रवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव महेन्द्र कुमार ढाबी ने त्रिनेत्र बालगृह एवं सखी वन स्टॉप सेन्टर सवाई माधोपुर का निरीक्षण किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव ने निरीक्षण के दौरान बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा सुविधाओं, दवाओं, भोजन सामग्री और उसकी गुणवत्ता, पहनने और ओढ़ने-बिछाने के कपड़ों आदि के संबंध में पूछताछ कर जांच की गई। उन्होंने मौके पर उपस्थित बालगृह संचालक और स्टाफ को बालगृह में साफ-सफाई रखने, बच्चों के लिए औढने व बिछाने की पर्याप्त व्यवस्था रखने तथा शिक्षा का स्तर सुधारने के संबंध में निर्देश प्रदान किये। बालगृह में प्रतिमाह स्वास्थ्य जांच हेतु डॉक्टर की विजिट, प्राथमिक उपचार किट, रसोई में अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था, पर्याप्त रोशनदान, बालगृह परिसर को सर्दियों में गर्म एवं गर्मियों में ठण्डा रखने की व्यवस्था आदि के संबंध में निर्देश प्रदान किये तथा साथ ही बालगृह में प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का विवरण बोर्ड पर अंकित करने के निर्देश प्रदान किये। त्रिनेत्र बालगृह में निरिक्षण के दौरान काउसन्लर अर्पना शर्मा व अन्य कर्मचारीगण उपस्थित थे।
इसके साथ ही महेन्द्र कुमार ढ़ाबी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर द्वारा सखी वन स्टॉप सेन्टर का निरिक्षण कर वन स्टॉप सेन्टर की स्थिति, पीड़ित महिलाओं को दी जाने वाली विधिक सहायता, चिकित्सकीय सुविधा, फर्स्ड एड बॉक्स की व्यवस्था, पीड़ित महिला के साथ हुई घटना के संबंध में पुलिस के प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने की कार्यवाही के संबंध में, मनोसामाजिक परामर्श, कुशल परामर्शदाता, पीड़िता को अस्थाई आश्रय की सुविधा, स्नानागार, पर्याप्त ओढने-बिछाने की व्यवस्था, पीड़िताओं को दैनिक उपयोग की वस्तुओं की उपलब्धता, भोजन की व्यवस्था, गत माह में आश्रय प्रदान की पीड़ित महिलाओं आदि के संबंध में पूछताछ कर जांच की गई। निरिक्षण के दौरान सचिव महोदय द्वारा सखी वन स्टॉप सेन्टर में एक पीड़ित से बात की तथा उसको निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी प्रदान की। साथ ही मौके पर उपस्थित सखी वन स्टॉप की परामर्शदाता तनू जैन को पीड़ित महिलाओं को आश्रय की सुविधा उपलब्ध कराने, आश्रय में साफ-सफाई रखने, औढने व बिछाने की पर्याप्त व्यवस्था रखने के संबंध में निर्देश प्रदान किये। सखी वन स्टॉप सेन्टर द्वारा पीड़ित महिलाओं को दी गई सहायता के संबंध में रजिस्टर आदि की जांच कर व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश प्रदान किए।