छोटा परिवार सुखी परिवार का नारा हर घर में गूंजे इसके लिए चिकित्सा विभाग सास और बहू के साथ चर्चा कर रहा है। सास बहुओं को समझाया जा रहा है कि छोटा परिवार होने से किस तरह से फायदे हो सकते हैं। परिबहवार कल्याण साधनों और परिवार नियोजन के बारे में इन सास बहू सम्मेलनों में एएनएम और आशा सहयोगिनियां खुल कर गांवों में रहने वाली सास बहुओं से चर्चा कर रही हैं।
इन सम्मेलनों में एएनएम अपने कार्यक्षेत्र के हर गांव में आशाओं के सहयोग से सास बहू सम्मेलनों का आयोजन कर रही हैं। वो उन्हें उनकी ही भाषा और लहजें में उन्हें समझा रहीं है कि वो अपना परिवार छोटा किस प्रकार रख सकतीं हैं, किन साधनों का प्रयोग कर सकती हैं, साथ ही उनकी सास भी अपनी बहू को परिवार छोटा रखने के फैसले का स्वागत करें और उनका मानसिक रूप से सहयोग करें। इन सम्मेलनों के प्रथम चरण का आयोजन 25 सितंबर से 15 अक्टूबर तक किया जा रहा है। इसके बाद दूसरा चरण जनवरी फरवरी 2019 में आयोजित किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. तेजराम मीना ने बताया कि राज्य में उच्च प्रजनन दर वाले 14 जिलों में सवाई माधोपुर भी शामिल है। इन सभी 14 गांवों में परिवार नियोजन को बढावा देने के लिए मिशन परिवार विकास चलाया जा रहा है जिसके तहत सास बहू सम्मेलनों का आयोजन 25 सितंबर से सम्मेलनों शुरू चुके हैं, जिले में प्रथम चरण में 528 गांवों में सम्मेलन आयोजित किए जाऐंगे। जिसके अंतर्गत प्रतिदिन प्लान के अनुसार गांवों में सम्मेलन किए जा रहे हैं।
सास बहू अब परिवार नियोजन की चर्चा अपने घर नहीं बल्कि बाहर चिकित्सा विभाग के कार्मिकों के साथ कर रही हैं। सम्मेलन में आई सास एवं बहुओं के बीच प्रजनन एवं परिवार नियोजन के संबंध में अनुभव को लेकर बातचीत हुई। चिकित्सा विभाग की महिला कार्यकर्ताओं ने सास बहुओं को छोटे परिवार के फायदे बताएं और परिवार को सीमित रखने के लिए प्रेरित किया।
यह सम्मेलन प्रत्येक गांव में एक बार आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलनों को गांव के आंगवनाडी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, अटल सेवा केंद्र या सार्वजनिक भवन पर आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन आयोजित करने से पूर्व एएनएम व आशा सहयोगिनी ने अपने कार्यक्षेत्र के योग्य दम्पत्तियों एवं सास बहू की सूची तैयार कर उनको सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रेरित कर कार्यक्रम का हिस्सा बना रही है। आयोजन को और भी रोचक बनाने के लिए सम्मेलन में भाग लेने आई महिलाओं के लिए रंगोली सजाना, रूमाल झपट्टा खेल, प्रश्नोंत्तरी आदि का आयोजन कर कार्यक्रम को मजेदार बनाया जा रहा है और हंसी मजाक का हल्का फुल्का माहौल बना कर महिलाओं को परिवार कल्याण की जानकारी दी जा रही है।
इन बातों पर भी हुई चर्चा:-
सम्मेलन में परिवार कल्याण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। जिसमें सीमित परिवार के लाभ, विवाह की सही आयु, विवाह के बाद कम से कम दो साल के बाद पहला बच्चा, पहले व दूसरे बच्चे में कम से कम 3 साल का अंतर, परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों के बारे में संपूर्ण जानकारी, परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि के बारे में एवं परिवार कल्याण के स्थाई एवं अस्थाई साधनों को अपनाने, सीमित परिवार के फायदे की जानकारी दी गई। एएनएम व आशाओं द्वारा सम्मेलन में परिवार नियोजन, स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं योजनाओं की जानकारी देने के साथ साथ भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया। सास बहू अपने परिवार नियोजन संबंधी अनुभवों को साझा किया। सास बहू सम्मेलन के माध्यम से गांव की महिलाओं में परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने के लिए किया जा रहा है।