तीर्थ स्थल घुश्मेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग महादेव मंदिर से जोड़ने वाली सड़कें दिल के जख्मों को आने-जाने सरकार के मंत्रियों, सांसदों विधायकों को प्रशासनिक अधिकारियों को दिखाकर आंसू बहाकर मरहमपट्टी करने की मांग कर रही है। बरौनी से शिवाड़ तक मात्र 21 किलोमीटर की दूरी तक पहुंचने में वाहन चालकों को डेढ़ घंटा लग जाता है। प्रदेश सरकार सड़कें मरम्मत करवाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है जबकि क्षेत्रीय विधायक की उदासीनता के चलते इस ओर ध्यान नहीं है।
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस संबंध में क्षेत्रीय सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया, क्षेत्रीय विधायक अशोक बैरवा सार्वजनिक निर्माण विभाग को कई बार अवगत करवा दिया है। परंतु ऐसी स्थिति में नेताओं व विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है जिसके चलते भोले बाबा के आने वाले श्रद्धालुओं व क्षेत्र की जनता को चार पहिया वाहन व दुपहिया वाहन चालकों के साथ राहगीरों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। दो पहिया वाहन चालक कई स्थानों पर गिर कर चोटिल हो चुके है।
घुश्मेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष प्रेमप्रकाश शर्मा भी लेटर पैड पर लिख कर समय-समय पर कई बार मंदिर से जोड़ने वाली सड़कों की मरम्मत करवाने की मांग कर चुके है। जानकारी के अनुसार टोंक, मंडावर, वाया, इसरदा, शिवाड़, बरौनी, पराना, वाया, शिवाड़, सवाई माधोपुर, आछेर, जामडोली, वाया शिवाड़ मार्ग क्षतिग्रस्त होकर गड्ढों में तब्दील होकर कई स्थानों पर 1 फीट तक गहरे गड्डे में बदल गई है इसके चलते बारिश के समय में पानी भरने पर खड्डे दिखाई नहीं देते है और दुर्घटना को आमंत्रित कर रहे है।
सार्वजनिक विभाग की अनदेखी व लापरवाही के चलते डामर कीचड़ के अधिकतर क्षेत्र में ग्रेवल में बदलने से डामरीकरण का नामोनिशान मिट गया है। इस क्षेत्र का निर्माण कार्य 10 वर्ष पूर्व खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल द्वारा करवाया गया था जिसके बाद आज तक इस सड़क का नवीनीकरण नहीं हुआ है। यह सड़क मार्ग जयपुर सवाई माधोपुर मध्य प्रदेश के साथ तीर्थ स्थल रणथम्भौर गणेशजी धाम, चैथ माता मंदिर, गोपेश्वर धाम को सीधा जोड़ने वाला मार्ग है। जिससे सांसद, विधायक, मंत्री, प्रशासनिक अधिकारी नेता लोग आए दिन गुजरते है, परंतु ऐसे लोगों को सड़क मार्ग की दुर्दशा दिखाई नहीं देती है।