जिले के धार्मिक स्थलों को अभी श्रृद्धालुओं के लिये नहीं खोला जायेगा। यह निर्णय धार्मिक स्थल खोलने सम्बंधी जिला स्तरीय समिति की आज गुरूवार को समिति के अध्यक्ष एवं जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में लिया गया।
सरकारी सूत्रों के अनुसार समिति ने निर्णय लिया कि वर्तमान समय में श्रृद्धालुओं का स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता है और कोरोना प्रसार को देखते हुये अभी धार्मिक स्थलों को श्रृद्धालुओं के लिये खोलना जल्दबाजी होगी। समिति जून के अन्तिम सप्ताह में फिर बैठक करेगी। तब क्या परिस्थितियाॅं रहेंगी, उसको देखते हुये फैसला लेगी। समिति की सिफारिश राज्य सरकार को भेजी जायेगी, जो अन्तिम निर्णय लेगी।
सूत्रों के अनुसार बैठक में जिला कलेक्टर ने समिति के सभी सदस्यों से निवेदन किया कि आगामी दिनों में वे सभी ट्रस्टों, छोटे मंदिरों, बडे मंदिर, मस्जिद, गुरू़द्वारों, चर्च के पदाधिकारियों के साथ फोन पर वार्ता कर इनके बारे में आम सुझाव लें ताकि जब भी धार्मिक स्थलों को श्रृद्धालुओं के लिये खोला जाये तो स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर तैयार किया जा सके। जैसे मंदिरों के अंदर प्रसाद, माला, नारियल आदि के बारे में क्या निर्णय हो, मंदिर परिसर के अंदर संचालित दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कौन करवाएगा।
सरकारी सूत्रों के अनुसार बैठक की शुरूआत में जिला कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. तेजराम मीणा ने जिले में कोरोना की ताजा अपडेट दी तथा इसके प्रसार को रोकने में समिति के सदस्यों का सहयोग मांगा। बैठक में एडीएम बी.एस. पंवार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र यादव, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश कुमार, सवाई माधोपुर एसडीएम रघुनाथ, चौथ माता मंदिर ट्रस्ट के श्रीदास सिंह राजावत, त्रिनेत्र गणेश मंदिर रणथम्भौर के संजय दाधीच और निकुंज दाधिच, बजरिया जामा मस्जिद के इमाम मुजफ्फर हुसैन, शहर काजी निसार उल्लाह और इरफान उल्लाह, गायत्री शक्ति पीठ के हरिमोहन शर्मा, चमत्कार दिगम्बर जैन मंदिर के चन्द्रपकाश छाबडा, फादर लौरेंस, गौतम आश्रम ट्रस्ट के नाथूलाल गौतम, विजेश्वर धर्माथ ट्रस्ट, शिव मंदिर, बजरिया के कुंजबिहारी अग्रवाल, गीता रामायण सत्संग भवन के रामवतार गौतम भी उपस्थित रहे।