Tuesday , 20 May 2025

ब्रह्मज्ञान का ठहराव ही जीवन में मुक्ति मार्ग को प्रशस्त करता है – सत्गुरु माता सुदीक्षा जी 

ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति से जीवन में वास्तविक भक्ति का आरम्भ होता है और उसके ठहराव से हमारा जीवन भक्तिमय एवं आनंदित बन जाता है। ये उद्गार निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा निरंकारी चौक बुराड़ी रोड़ दिल्ली में आयोजित “नववर्ष” के विशेष सत्संग समारोह में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए गये। मीडिया सहायक प्रज्जवल प्रजापति ने बताया की कार्यक्रम का लाभ लेने हेतु सवाई माधोपुर से भी काफी संख्या में भक्तगण उपस्थित हुए और सभी ने वर्ष के प्रथम दिन सत्गुरु के साकारमयी दिव्य दर्शनों एंव पावन प्रवचनों से स्वयं को आनन्दित एवं कृतार्थ किया।

 

 

सत्गुरु माता जी ने ब्रह्मज्ञान का महत्व बताते हुए फरमाया कि ब्रह्मज्ञान का अर्थ हर पल में इसकी रोशनी में रहना है और यह अवस्था हमारे जीवन में तभी आती है जब इसका ठहराव निरंतर बना रहे, तभी वास्तविक रूप में मुक्ति संभव है। इसके विपरीत यदि हम माया के प्रभाव में ही रहते है तब निश्चित रूप से आनंद की अवस्था और मुक्ति प्राप्त करना संभव नहीं। जीवन की सार्थकता तो इसी में है कि हम माया के प्रभाव से स्वयं को बचाते हुए अपने जीवन के उद्देश्य को समझे कि यह परमात्मा क्या है और हम उसे जानने हेतु प्रयासरत रहे। इस संसार में निरंकार एवं माया दोनों का ही प्रभाव निरंतर बना रहता है। अतः हमें स्वयं को निरंकार से जोड़कर भक्ति करनी है।

 

The stability of Brahmagyan paves the path of liberation in life - Satguru Mata Sudiksha Ji

 

अपने जीवन में सेवा, सुमिरण, सत्संग को केवल एक क्रिया रूप में नहीं, एक चैक लिस्ट के रूप में नहीं कि केवल अपनी उपस्थिति को जाहिर करना है अपितु निरंकार से वास्तविक रूप में जुड़कर अपना कल्याण करना है। मुक्ति मार्ग का उल्लेख करते हुए सत्गुरु ने फरमाया कि मुक्ति केवल उन्हीं संतों को प्राप्त होती है जिन्होंने वास्तविक रूप में ब्रह्मज्ञान की दिव्यता को समझा और उसे अपने जीवन में अपनाया। जीवन की महत्ता और मूल्यता तभी होती है जब वह वास्तविक रूप से जी जाये दिखावे के लिए नहीं।

 

वास्तविक भक्ति तो वह है जिसमें हम सभी हर पल, हर क्षण में इस निरंकार प्रभू से जुड़े रहे। अंत में सत्गुरु ने सबके लिए यही अरदास करी कि हम सभी अपने उत्तम व्यवहार एंव भक्तिमय जीवन से समस्त संसार को प्रभावित करते हुए सुखद एंव आनंदमयी जीवन जिए। सभी संतों का जीवन निरंकार का आधार लेते हुए शुभ और आनन्दित रूप में व्यतीत हो।

About Vikalp Times Desk

Check Also

Mantown thana Police Sawai Madhopur News 17 May 2025

पुलिस ने एक वांछित आरोपी को धरा

पुलिस ने एक वांछित आरोपी को धरा     सवाई माधोपुर: मानटाउन थाना पुलिस की …

Mantown Police Sawai Madhopur News 17 May 2025

ड*कैती और हथि*यार त*स्करी के इनामी आरोपी को दबोचा

ड*कैती और हथि*यार त*स्करी के इनामी आरोपी को दबोचा     सवाई माधोपुर: मानटाउन थाना …

Ration dealer government wheat malarna dungar sawai madhopur news

सरकारी गेंहू के ग*बन के मामले में राशन डीलर के खिलाफ मामला दर्ज

सवाई माधोपुर: खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले गेंहू के ग*बन के एक गंभीर …

Akodia school will be developed using mustard straw in sawai madhopur

सरसों की तूड़ी से होगा आकोदिया स्कूल का विकास

सवाई माधोपुर: जिले में शिक्षा की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से जिला …

Mantown Police Sawai Madhopur News 17 May 25

सायबर ठ*गी के दो आरोपियों को दबोचा

सायबर ठ*गी के दो आरोपियों को दबोचा     सवाई माधोपुर: मानटाउन थाना पुलिस की …

error: Content is protected !! Contact Vikalp Times Team !