निरंकारी सत्गुरू माता सुदीक्षा महाराज की पावन अध्यक्षता में महाराष्ट्र का 55वां वाषिर्क निरंकारी सन्त समागम 11, 12 एवं 13 फरवरी को वर्चुअल रूप में आयोजित किया जाएगा। मीडिया सहायक प्रज्वल प्रजापति ने बताया कि प्रति वर्ष नववर्ष के आगमन से ही सम्पूर्ण महाराष्ट्र के साथ-साथ विश्वभर के समस्त श्रद्धालुओं को इस भक्ति, प्रेम एवं अलौकिक आनंद की अनुभूति प्रदान करवाने वाले समागम की प्रतीक्षा रहती है। जिसमें विभिन्न संस्कृतियों एवं सभ्यताओं का अद्भूत संगम देखने को मिलता है।
जो अपनी बहुरंगी छठा द्वारा “अनेकता में एकता” का चित्रण प्रदर्शित करते हुए विश्वबन्धुत्व की भावना को दर्शाता है। इस वर्ष महाराष्ट्र के सम्पूर्ण समागम का सीधा प्रसारण पहली बार मिशन की वेबसाईट पर सांय 5 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक एवं साधना टी.वी. चैनल पर सांय 6 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक प्रसारित किया जाएगा। इस वर्ष समागम का विषय “विश्वास, भक्ति, आनंन्द” है।
वैश्विक महामारी कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए समागम सेवाओं में संलग्न एवं सम्मिलित होने वाले सभी प्रतिभागियों की कोविड जाँच भी कराई जा रही है। उनके लिए कोविड-19 के दो बार का टीकाकरण भी अनिवार्य किया गया है। इसके अतिरिक्त थमर्ल स्क्रीनिंग, मास्क, सेनेटाइजेशन एवं सोशल डिसटेंनसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
समागम का शुभारम्भ 11 फरवरी (शुक्रवार) को सायं 5 बजे से किया जाएगा, जिसमें सत्गुरू माता सुदीक्षा महाराज “मानवता के नाम संदेश” प्रेषित करेंगे। रात्रि 9 से 9:30 बजे तक सत्गुरू माता अपने दिव्य प्रवचनों द्वारा समस्त साध संगत को आशीर्वाद प्रदान करेंगे। समागम के दूसरे दिन 12 फरवरी (शनिवार) को सेवादल रैली का आयोजन दोपहर 12 से 2 बजे तक किया जाएगा। रैली का समापन सत्गुरु माता के आशीष वचनों द्वारा सम्पन्न होगा। उसके उपरांत सांय 5 बजे से सत्संग कार्यक्रम का आरंभ होगा और अंततः सत्संग का समापन रात्रि 9 से 9:30 बजे तक सत्गुरू माता के दिव्य प्रवचनों द्वारा होगा।
समागम के तीसरे दिन 13 फरवरी (रविवार) को सायं 5 बजे से सत्संग का कार्यक्रम आरम्भ होगा, जिसमें गीतों, कविताओं एवं विचारों को प्रस्तुत किया जाएगा और इसके अतिरिक्त एक “बहुभाषीय कवि सम्मेलन” का आयोजन किया जाएगा जो तीसरे दिन का मुख्य आकषर्ण होगा। जिसमें “श्रद्धा भक्ति विश्वास रहे, मन में आनंद का वास रहे” – इस विषय पर विश्वभर के कवि सज्जन, विभिन्न भाषाओं में अपने शुभ भावों को व्यक्त करेंगे और अंत में सत्गुरू माता के दिव्य प्रवचनों द्वारा समागम का समापन होगा।