जिला प्रशासन, बाल अधिकारिता विभाग एवं प्रयत्न संस्था के संयुक्त तत्वाधान में आज शुक्रवार को लोक सेवाऐं, प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग की सहायक निदेशक रूबी अंसार की अध्यक्षता में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण संशोधित अधिनियम, 2019 एवं सड़क पर रहने वाले बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण विषय पर जिला स्तरीय आमुखीकरण कार्यशाला आयोजित हुईं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि किशोर न्याय बोर्ड के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट अरविन्द कुमार ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण संशोधित, 2019 के प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध करवाई गई।
जिसमें पीड़ित के सहयोग के लिए न्यायपीठ बाल कल्याण समिति द्वारा स्पोर्टपर्सन नियुक्त किया जाता है। उन्होंने विस्तार से जानकारी दी कि किस प्रकार स्पोर्टपर्सन पोक्सो में पीड़ित बालक की केस में कोर्ट तक सहयोग करता है। प्रयत्न संस्था के एडवोकेसी ऑफिसर राकेश कुमार तिवाड़ी ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि बालकों के विरूद्ध हिंसा, दुर्व्यवहार, शोषण एवं उत्पीड़न के प्रकरणों में आज का सबसे बड़ा खतरा मोबाईल है।
नाबालिक बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के बहाने माता-पिता से छूपकर फेसबुक, इंटाग्राम, शेयर चेट, यूट्यूब आदि पर चेट करके एवं ऑनलाइन गेम खेलते-खेलते अपराध से जुड़ जाते है। अपराधी प्रवृति से सम्पर्क होने पर घर से पलायन कर जाते है और उनके साथ अपराध घटित हो जाता है। जिसके कारण पोक्सो प्रकरणों में वृद्धि होती जा रही है। इन प्रकरणों को रोकने के लिए माता-पिता, अभिभावक एवं सरकार-समुदाय को मिलकर कार्य योजना बनाकर कार्य करना होगा।
उन्होंने स्ट्रीट चिल्ड्रन के लिए प्रस्तावित राज्य नीति, 2022 तथा विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि सड़क, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, फ्लाईओवर के नीचे बिना माता-पिता अभिभावक के रहने वाले बालक, बालिका, बेघर, परित्यक्त, गुमशुदा, भीख मांगने वाले, कचरा बिनने वाले, करतब दिखाने वाले, सड़क पर नशा करने वाले, सड़क के समीप अनैतिक कार्यो में संलिप्त बालक, बालिकाओं को नेहरू बाल कल्याण कोष, पालनहार सहित अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलवाकर उनका भविष्य बिगड़ने से रोका जा सकता हैं। कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति के सदस्य युवराज चौधरी, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अब्दुल जब्बार, श्रम निरीक्षक सुरेन्द्र सैनी, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम बैरवा, सहायक जनसंपर्क अधिकारी सुरेन्द्र कुमार मीणा, उद्योग प्रसार अधिकारी पंकज मीणा, त्रिनेत्र रणथंभौर बाल गृह के हरीश उपाध्याय उपस्थित रहे।