जिला मुख्यालय पर स्थित फूल उत्कृष्टता केंद्र पर उद्यान विभाग की ओर से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
इस मौके पर उप निदेशक उद्यान (अनुसंधान) लखपतलाल मीना ने कहा कि जिले में फूलों की खेती की अपार संभावनाएं हैं। किसान फूलों की खेती करके आमदनी बढ़ा सकते हैं। उन्होंने किसानों को संरक्षित खेती की जानकारी देते हुए गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा, ग्लेडियोलस आदि फूलों के उत्पादन तकनीकी बताई। कृषि विभाग के उपनिदेशक राधेश्याम मीना ने कृषि योजनाओं की जानकारी दी। परियोजना निदेशक (आत्मा) अमर सिंह ने खेती में नवाचार तकनीकी अपनाने के साथ ही सीजनल फ्लावर की खेती के लिए प्रेरित किया।
सहायक निदेशक कृषि चंद्रप्रकाश बडाया ने फूलों की खेती की महत्ता एवं फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र के शस्य वैज्ञानिक नूपुर शर्मा ने विभिन्न फूलों की उत्पादन तकनीकी से रूबरू कराया। गृह विज्ञान वैज्ञानिक डॉ. चमनदीप कौर ने फूलों के मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण की जानकारी दी। कृषि पर्यवेक्षक विजय जैन ने जैविक खेती के तरीके बताएं। प्रशिक्षण का संचालन कृषि अनुसंधान अधिकारी दुर्गाशंकर कुम्हार एवं कृषि पर्यवेक्षक हेमलता खोरवाल ने किया। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को फूल उत्कृष्टता केंद्र का भ्रमण कराकर विभिन्न फूलों की खेती के बारे में प्रायोगिक जानकारी दी गई। अंतिम सत्र में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम के तहत किसानों को पुरस्कृत किया गया। प्रशिक्षण में 50 किसानों ने भाग लिया।