सवाई माधोपुर चाइल्ड लाइन टीम द्वारा चलाए जा रहे रेस्क्यू के दौरान रेलवे स्टेशन पर एक किशोर लावारिस अवस्था में घूमता दिखा।
चाइल्ड लाइन के अरविन्द सिंह चौहान ने बताया कि पूछताछ में किशोर ने बताया कि वह अपने परिजनों से बिछड़ गया है और परिजनों की तलाश कर रहा है। इस पर चाइल्ड लाइन टीम के मुकेश वर्मा एवं जितेन्द्र मीणा ने बालक को अपने संरक्षण में लेकर आरपीएफ से डीडी एन्ट्री कराई और चाइल्ड लाइन कार्यालय लेकर आए। बालक ने परामर्श के दौरान बताया कि वह बिहार का रहने वाला है और पढ़ा लिखा नहीं है और अपने परिजनों के साथ बिहार जा रहा। इस दौरान वह सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर पानी पीने के लिए उतरा तब तक गाड़ी चली गई। बालक के परिजनों से सम्पर्क करने के प्रयास कर रहे थे तभी आरपीएफ के इंस्पेक्टर बीरबल ने जानकारी दी कि बालक आलम आजाद के परिजनों का फोन आ गया है और वे सवाई माधेापुर के लिए रवाना हो गए हैं।
इस प्रकार एक अन्य किशोर भी स्टेशन पर लावारिस घूमता मिला जिसे चाइल्ड लाइन टीम के सर्वेश सिंह एवं मनीष राठोर ने अपने संरक्षण में लिया। पूछताछ में बालक ने बताया कि वह ईसरदा का रहने वाला है और उसके माता की मृत्यु हो चुकी है। पिता ने दूसरी शादी कर ली। अब बालक अनाथ एवं लावारिस है और गाड़ियों में इधर उधर घूमता रहता है।
दोनों बालको को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया जहां से समिति के आदेश से दोनों बालकों को मर्सी आश्रय गृह में अस्थायी तौर पर प्रवेश दिलाया गया है।