सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी में मामचारी बांध में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई। मृतकों के शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में लाया गया। जहां पर चिकित्सों ने शवों का पोस्टमॉर्टम कर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गंगापुर सिटी के त्रिलोक नगर निवासी विष्णु शर्मा एवं राजा बाबू ने बताया की त्रिलोक नगर गंगापुर सिटी निवासी मृतक मनोज पुत्र रामखिलाड़ी, विकास उर्फ मोनू पुत्र मुरारीलाल बैरवा चारों करीब 12:30 बजे घर से पर्ल रिसॉर्ट गए हुए थे। लेकिन वहाँ कोइ कार्यक्रम होने की वजह से स्विमिंग पूल बंद था। इसके बाद वह गंगाजी की कोठी पर स्विमिंग पूल पर गए लेकिन वहाँ भी अधिक भीड़ होने की वजह से नहीं गए।
राजा ने बताया की उन्होंने आपसे में बातचीत की कि डेढ़ सौ रुपए एक व्यक्ति के हिसाब से 600 रुपए खर्च हो जाएंगे। इसके बाद उन्होंने फैसला किया की 600 रुपए में तो डीजल डलवाकर मामचारी बांध होकर आ जाएंगे। इससे पहले उन्होंने मामचारी बांध काभी देखा भी नहीं था। इसके बाद चारों मामचारी बांध के लिए निकाल पड़े। गंगापुर से चारों मामचारी बांध पर पहुंचे। इसके बाद वह नहाने लगे। नहाने के जब वह पानी से बाहर आने ही वाले थे की अचानक मनोज का पैर गड्डे में फस गया। मनोज को बचाने के लिए पहले मोनू आया, लेकिन मनोज के साथ – साथ मोनू भी डूबने लगा।
दोनों का बचाने का प्रयास विष्णु ने किया लेकिन वह भी डूबने लगा। चारों ही तैरना नहीं जानते थे। लेकिन राजा थोड़ा बहुत तैरना जानता था। राजा तीनों का बचाने का प्रयास करने लगा। राजा ने विष्णु को पकड़कर एक पत्थर पर खड़ा कर दिया। इसके बाद राजा बाबू ने मनोज और मोनू को बचाने के लिए एक दंडी मोनू के हाथ में पकड़ने को दी। लेकिन मोनू दंडी नहीं पकड़ सका और पानी में डूबने लगा।
मनोज की माँ ने मना किया फिर भी गया था नहाने:-
राजा ने जानकारी देते हुए बताया की जिस समय वह नहाने के लिए निकाल रहे थे, उस समय मनोज की माँ ने बाहर जाने के लिए मना किया था। लेकिन चारों ने कहा की हम सिर्फ स्विमिंग पूल में ही नहाने जा रहे है। डेढ़ तो घंटे में वापस आ जाएंगे। इसके बाद मनोज की माँ ने कहा जल्दी आ जाना। इसके बाद चारों रवाना हो गए। अगर मनोज माँ की बात मान लेता उस समय तो इतना बड़ा हादसा टल सकता था। मनोज बैरवा एसएससी की तैयारी कर रहा था। मनोज के पिता रेलवे में कार्यरत है। उसके दो भाई व एक बहन है।
विकास परीक्षा देने आया था दिल्ली से भरतपुर, पिता के कहने पर आया था घर:-
विकास के पिता का इस घटना के बाद से रो-रो कर बुरा हाल है। विकास के पिता निभेरा स्कूल के प्रधानाध्यापक है। उनके पुत्र है। विकास उनके बीच का पुत्र है। वह दिल्ली से तैयारी कर रहा था। विकास दो दिन पहले ही कंप्युटर अनुदेशक परीक्षा देने भरतपुर आया हुआ था। इसके बाद उसके पिता ने उसे घर आने के लिए कहा। मुरारी लाल रो – रो कर बोल रहे थे की आखिर मैंने बेटे को घर क्यू बुलाया?? अगर में उसे नहीं बुलाता तो आज ये घटना नहीं होती।