दीपावली के पर्व को देखते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण ने खराब व पुरानी मिठाइयों की बिक्री के अंदेशा को देखते हुए निरीक्षण एवं नमूनीकरण की कार्यवाही को तेज किया है। अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धर्मसिंह मीना ने बताया की त्योहारी मौसम के चलते दूध एवं दूध से बनी एवं अन्य मिठाईयों की मांग बाजार में बढ़ रही है।
ऐसे में खाद्य कारोबार कर्ताओं द्वारा पुरानी एवं खराब मिठाइयों के विक्रय की संभावनाओं को देखते हुए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को कार्यवाही तेज करने के निर्देश प्रदान किये है ताकि आम उपभोक्ता को शुद्ध, ताजा व स्वस्थ कर मानक स्तर की मिठाइयां उपलब्ध हो सके। सीएमएचओ ने जिले के समस्त खाद्य कारोबार कर्ताओं से अपील की है कि वे मिठाइयों की ट्रे पर उपयोग तक तिथि अवश्य लिखें जिससे आम उपभोक्ता आसानी से मिठाई को देखकर स्वयं समझदारी से मिठाइयों की खरीद सही तरीके से कर सकेगा।
उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिकरण ने इस बाबत गाइडलाइन भी जारी की है जिसके तहत दूध से बना कलाकंद एक दिन व बर्फी चार दिन तक ही खाने लायक होती है। बादाम दूध, रसगुल्ला, रसमलाई, रबड़ी, रसमलाई, राजभोग, चमचम, संदेश, मलाई रोल, बंगाली रबड़ी, हीरामणि मिठाई को दो दिन, मिल्क केक, मिल्क बर्फी, पिस्ता बर्फी, कोकोनट बर्फी, सफेद पेड़ा, मोतीचूर, मोदक, खोया, बादाम मलाई, घेवर, केसर बादाम इत्यादि को चार दिन व ड्राई फ्रूट लडडू, काजू खजूर, बेसन की बर्फी एवं लड्डू इत्यादि को सात दिन तक प्रयोग में लाया जा सकता है।
इसके बाद खाएंगे तो आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। भले ही संपूर्ण मिठाइयों को फ्रिज में ही क्यों न रखा गया हो। अवधि पार मिठाइयां बेचते हुए पाए जाने की स्थिति मे खाद्य कारोबारकर्ता पर खाद सुरक्षा मानक अधिनियम की धारा 58 के तहत 2 लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है। सभी मिठाई वालों को अपनी दुकान में रखी मिठाइयों पर बेस्ट बिफोर या यूज बाय डेट अवश्य लिखें।