राजस्थान में मौसम की तरह राजस्थान में चुनावी मौसम गरम हो गया है। राजस्थान में बिजली संकट को लेकर भाजपा ने कांग्रेस की गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा। बिजली संकट को लेकर भाजपा की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को किए अपने ट्वीट में लिखा कि, आज राजस्थान में बिजली विभाग अति कुप्रबंधन का शिकार है। सरकार के पास कोयला खरीद और बिजली खरीद का रोडमैप नहीं है। उपभोक्ताओं का काम बिना रिश्वत नहीं हो रहा। महीनों तक ट्रांसफार्मर नहीं बदले जा रहे। सप्लायर्स को बकाया भुगतान नहीं हो रहा। ख़राब वोल्टेज के कारण हज़ारों की तादाद में किसानों की बिजली मोटरें जल रही है।
लोगों ने इन्वर्टर पैक करके रख दिए थे
वसुंधरा राजे ने अपने ट्वीट आगे लिखा कि, हमारे समय बिजली इतनी सुचारू रूप से मिलती थी कि लोगों ने इन्वर्टर पैक करके रख दिए थे। ट्रांसफार्मर में खराबी की शिकायत का तीन दिन में समाधान हो जाता था। नया बिजली कनेक्शन सप्ताह भर में मिल जाता था। ट्रांसफार्मर सप्लाई करने वालों के खाते में सीधा RTGS से पेमेंट समय पर हो जाता था।
आमजन, किसान सभी बिजली कटौती से परेशान
गहलोत सरकार को आइना दिखाते हुए वसुंधरा राजे ने अपने ट्वीट लिखा कि, आज कांग्रेस राज में संपूर्ण प्रदेश में आमजन, किसान और औद्योगिक फैक्ट्रियां बिजली कटौती से परेशान है। क्योंकि इस सरकार ने मुफ्त बिजली के सब्जबाग दिखाकर राजस्थान को विद्युत अराजकता एवं अंधेरे में धकेलने का काम किया है। बिजली पर अपनी सरकार के कामों को गिनाते हुए वसुंधरा राजे ने कहा, तत्कालीन राजस्थान कांग्रेस सरकार ने 2013 तक तीनों डिस्कॉम पर 78,000 करोड़ रुपए का घाटा छोड़ा था।
मैंने सुराज संकल्प यात्रा में जनता से वादा किया था के 22 से 24 घंटे उन्हें क्वालिटी बिजली उपलब्ध करवाउंगी। इस वजह से 62,000 करोड़ रुपए का डिस्कॉम का ऋण हमारी सरकार ने अपने ऊपर ले लिया था। परिणामस्वरूप डिस्कॉम का घाटा जो प्रतिवर्ष 15,000 करोड़ रुपए की रफ़्तार से बढ़ रहा था उसे मैं कम करके 4000 करोड़ रुपए पर प्रतिवर्ष पर लेकर आ गई थी। लेकिन आज वापस डिस्कॉम 90,000 करोड़ रुपए से ज़्यादा के क़र्ज़े में डूब गया है, जिससे प्रदेश की विद्युत व्यवस्था चरमरा गई है।