शिवाड़ कस्बे सहित सारसोप ईसरदा, महापुरा, टापुर ग्राम पंचायत सहित डेढ़ दर्जन गांवों ढाणियों के ग्रामीण बिजली की अघोषित कटौती से परेशान है। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली कटौती की शिकायत जिला कलेक्टर से करने के बाद अधिक बिजली गुल होने लगी है। जबकि कलेक्टर ने शिवाड़ में बिजली कटौती समस्या समाधान की बात कही थी। क्षेत्र में बिजली कटौती के चलते नरक की जिंदगी जीने के समान हैं। पेयजल सप्लाई नहीं होने के साथ बिजली से चलने वाले उद्योग धंधे बंद पड़े है।
ट्रस्ट व्यवस्थापक रामराय चौधरी ने बताया कि अघोषित बिजली कटौती के कारण घुश्मेश्वर महादेव मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियां उठानी पड़ रही है। वहीं क्षेत्रीय ग्रामीण किसान आमजन परेशान है। जगदीश अंबिका ज्वेलर्स किशन पाटोदिया ने बताया कि शाम ढलने के बाद 1 महीने से 1 घंटे की कटौती के बाद भी रात को बिजली की आंख मिचैली से गरीब मध्यमवर्ग ज्यादा परेशान है। कब बिजली चली जाए और कब आ जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है।
जिसके कारण छोटे-छोटे बच्चे बुजुर्गों आदमी के हालात इस भीषण गर्मी में उमस से परेशान है। सुशील जैन विनय जैन ने बताया कि क्षेत्र की 5 पंचायतों के साथ डेढ़ दर्जन गांव-ढाणियों की लगभग 40 हजार की आबादी वाले लोगों का जीवन नरक जैसा होने के साथ बीमारियों को निमंत्रण देने वाला है। उन्होंने कहा कि अघोषित बिजली की कटौती बिजली के कर्मचारियों से बात करने पर फाल्ट होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं वहीं उच्च अधिकारी मोबाइल नहीं उठाते है। विकास गुर्जर ने बताया कि बिजली कटौती के संबंध में उच्च अधिकारी व कर्मचारियों से बात करने पर शीघ्र समस्या समाधान की बात कह कर मोबाइल काट देते है।
क्षेत्रीय ग्रामीण बेनीमाधव माधव शर्मा, नरेंद्र सिंह पटवारी, रामजी लाल चौधरी ने क्षेत्रीय विधायक अशोक बैरवा पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि इन 5 पंचायतों में विधायक ने विकास के नाम पर कोई भी काम नहीं किया। इस क्षेत्र को उपेक्षा की दृष्टि से देखा गया है। जिसके चलते क्षेत्र में सड़क बिजली पानी में समस्याओं के साथ विद्यालय में शिक्षकों के पद खाली पड़े होने के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही रहती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से क्षेत्र में हो रही अघोषित बिजली की कटौती को सुचारु करवाने की मांग की है।