राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एन.डी.एम.ए.) के तहत दिशा निर्देश जारी कर सख्ती से पालना करने के निर्देश दिए है। अतिरिक्त जिला कलेक्टर भवानी सिंह पंवार ने बताया कि गाइडलाइन में लॉकडाउन के उल्लंघन पर सजा का प्रावधान किया गया है। आपदा प्रबंध कानून के तहत कोरोना वायरस के संबंध में फेक न्यूज पर भी सजा का प्रावधान है। आपदा प्रबंधन कानून के तहत अपराध और सजा आपदा प्रबंधन कानून की धारा 51 से 60 में अपराध और सजा की पूरी व्याख्या मौजूद है। जो कि लॉकडाउन के उल्लंघन पर भी लागू होगा।
उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी कर्मचारी की डयूटी में अवरोध पैदा करते या केन्द्रध्राज्य सरकार के दिशा निर्देशों को मानने से इनकार करता है, लॉकडाउन में आनवश्यक रूप से बिना किसी अति आवश्यक कार्य से अगर घर से बाहर निकलने पर इस कानून में इसे अपराध माना जाएगा। इसमें एक साल की सजा का प्रावधान है और अगर इस कारण से किसी की जान चली जाती है तो दो साल की सजा का प्रावधान है।
अगर कोई आपदा को लेकर मनगढंत डर फैलाते है या लोगों को आपदा की तीव्रता को लेकर झूठ से किसी तरह की राहत, मदद, मरम्मत या दूसरा कोई फायदा मिले तो सजा दो साल तक जेल व जुर्माना हो सकता है।
अगर कोई राहत में दिए गए पैसे या सामग्री का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते है या इनकी कालाबाजारी करते है, दो साल की सजा व जुर्माना हो सकता है। कोई सरकारी कर्मचारी किसी भी निर्देश की अवहेलना करता है या पालना नही करता है तो एक साल की सजा व जुर्माना हो सकता है। उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर को यह भी अधिकार है कि किसी भी भवन, संसाधन, गाडी या मकान का अधिग्रहण कर सकते है। यदि कोई व्यक्ति इसका विरोध करता है तो एक साल की सजा व जुर्माना दोनों हो सकते है। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति किसी भी सरकारी आदेश को मानने से इन्कार करता है तो आईपीसी की धारा 188 के तहत एक महीने की जेल व 200 रुपये का जुर्माना हो सकता है।