जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने किसानों के कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए है जिससे कोई भी पात्र जानकारी के अभाव में लाभ से वंचित न रहे। कलेक्टर ने बताया कि राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना में खेत, मंडी, मंडी से आने-जाने, घर से खेत आने-जाने के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना जिसमें सांप के द्वारा काटने, बिजली गिरने, करंट लगने, कुट्टी मशीन से दुर्घटना होना शामिल है, पर मुआवजे का प्रावधान है। सवाईमाधोपुर मंडी सचिव श्याम सुन्दर गुप्ता ने बताया कि इस योजना में किसान या श्रमिक की मृत्यु होने पर आश्रित को 2 लाख रूपए 2 अंग कटने, रीढ़ की हड्डी टूटने या सिर पर चोट से कोमा में चले जाने पर 50.50 हजार, सम्पूर्ण सिर के बाल डिस्कल्पिंग होने, 2 अंडकोष खराब होने पर 40 हजार, आंशिक डिस्कल्पिंग होने, 1 अंग या अंडकोष कटने या खराब होने पर 25-25 हजार, 4 अंगुली कटने पर 20 हजार, 3 अंगुली कटने पर 15 हजार, 2 अंगुली कटने पर 10 हजार 1 अंगुली कटने पर 5 हजार, मंडी प्रागंण में हम्माल, पल्लेदार, मजदूर के दुर्घटना में फ्रेक्चर होने पर 10 हजार रूपये का मुआवजा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि गत वित्तीय वर्ष में जिले के 48 किसानों और आश्रितों को इस योजना में कुल 70 लाख 65 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी गई। इसी प्रकार महात्मा ज्योतिबा फुले मंडी श्रमिक कल्याण योजना में महिला हम्माल और पल्लेदार को 45 दिन की मजदूरी के बराबर प्रसूति सहायता दी जाती है। पुरूष को 15 दिन की मजदूरी के बराबर पितृत्व अवकाश मिलता है। महिला हम्माल या पल्लेदार की खुद की या अधिकतम 2 बेटियों की शादी पर 50-50 हजार रूपए की सहायता देय है। हम्माल या पल्लेदार की बेटी को 10वीं में 80 प्रतिशत अंक पर साढ़े 3 हजार, 70 प्रतिशत लाने पर ढाई हजार, 12वीं में 80 प्रतिशतए, स्नातक में 60 प्रतिशत पर 5-5 हजारए पीजी में 60 प्रतिशत पर 6 हजार रूपए की छात्रवृत्ति देय है।
बेटे को 10वीं में 80 प्रतिशत पर 3 हजार, 70 प्रतिशत पर 2 हजार, 12वीं में 90 प्रतिशत पर 5 हजार, 80 प्रतिशत पर 4 हजार, 70 प्रतिशत पर 3 हजार, स्नातक में 60 प्रतिशत पर 4 हजार तथा पीजी में 60 प्रतिशत पर 5 हजार रूपए देय है। किसान और उसके सहयोगी, हम्माल, पल्लेदार को किसान कलेवा योजना में 5 रूपए में मंडी परिसर में स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस योजना में गत अप्रेल माह में जिले में 10 हजार 160 पात्रों को लाभान्वित किया गया। इसी प्रकार राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के अन्तर्गत किसान स्वयं या समूह में फूड प्रोसेसिंग या एक्सपोर्ट, व्यापार सम्बंधी यूनिट लगाता है तो निवेश का 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा तथा ऋण पर भी 6 प्रतिशत ब्याज अनुदान मिलेगा। किसान के अतिरिक्त कोई दूसरा भी इस योजना का लाभ उठाना चाहे तो उसे 25 प्रतिशत निवेश अनुदान तथा 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान मिलता है।