जैसे जैसे लोकसभा चुनाव हेतु मतदान की तारीख नज़दीक आ रही है वैसे वैसे पूरे प्रदेश में राजनीतिक उथल पुथल बढ़ रही है।
बात करें टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र कि तो अभी इस सीट पर केवल भाजपा ने ही एक बार फिर से सुखबीर सिंह जौनापुरिया को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। कांग्रेस की ओर से पूर्व वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीना को टिकिट दिए जाने की चर्चा ज़ोरों पर है। प्रदेश की कुछ एक सीटों के साथ इस सीट पर भी मुकाबला काफी रोचक होने वाला है।
सवाई माधोपुर एप के फेसबुक पेज व अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर गत दिनों “टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर चर्चाऐं तेज | 5 वर्ष में कोई विशेष उपलब्धि नहीं फिर भी टिकट लाने में कामयाब रहे जौनापुरिया | नमोनारायण मीना और दीया कुमारी पर भी हो रही है प्रत्याशी बनने की चर्चा” शीर्षक से लिखे गए आर्टिकल पर मिले फीडबैक पर नज़र डालें तो पता चलता है कि पाठकों द्वारा तीनों चेहरों के साथ अन्य कुछ नाम भी मेंशन किए हैं।
एक तरफ जहां भाजपा प्रत्याशी जौनापुरिया के समर्थन में कुछ लोग आए जिनका कहना है की चेहरा कोई भी हो वह भाजपा व नरेंद्र मोदी को वोट करेंगे वहीं कई लोग क्षेत्र में विकास नहीं करवाने और सामजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगा कर उनका खुलकर विरोध करते नज़र आए।
इसी के साथ नमो नारायण मीना के भी पक्ष -विपक्ष में भी कई उदाहरण देकर कमेंट्स लिखे गए और जातिगत समीकरणों पर चर्चा की गई वहीं अन्य कुछ चेहरों जिनमें बैंसला परिवार, विक्रम सिंह गुर्जर, किशन सहाय मीना आदि भी शामिल हैं, पर भी चर्चा की गई।
आर्टिकल पर आमजन से मिले ऑनलाइन व ऑफलाइन फीडबैक में सवाई माधोपुर की पूर्व विधायक दीया कुमारी के लिए लोगों ने उत्साह जताया जिसमें कुछ ख़ास बातें सामने आई। कुछ लोग उन्हें टोंक-सवाई माधोपुर सीट पर कांग्रेस से टिकिट लाने की बात रखते नज़र आए वहीं कई लोगों ने उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की सलाह दी और किसी भी स्थिति में उनके जीतने का दावा किया। वैसे तो लोकसभा चुनावों में बहुत ही कम निर्दलीय उम्मीदवार ऐसे होते हैं जो अपनी किस्मत आजमाते हैं और नाममात्र ही जीत दर्ज कर पाते हैं, लेकिन दीया कुमारी को लेकर लोग इस बात को नहीं मान कर इस प्रकार की चर्चा करते नज़र आ रहे हैं कि यदि वह निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं तो इस सीट से उनकी एतिहासिक जीत होगी।
अब देखना यह है की किसे कांग्रेस का टिकिट मिलेगा, कौन निर्दलीय खड़ा होता है और किस के सर इस सीट से जीत का सहरा बंधेगा?