उम्र 12 वर्ष, राष्ट्रीय स्तर पर तीन स्वर्ण पदक, एक कांस्य पदक
नवरात्रि पर्व माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना का समय होता है। सवाई माधोपुर जिले की ऐसी ही शक्ति स्वरूपा प्रतिभा है यशी शर्मा जिसने सन् 2018 से मात्र 9 वर्ष उम्र से ही तीरंदाजी करना शुरू कर राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदकों के साथ कई पदक हासिल कर जिले का नाम अखिल भारतीय स्तर पर चमकाया है। जिला मुख्यालय पर आलनपुर निवासी यशी ने 2018 में 63वीं जिला स्तरीय विद्यालय क्रीड़ा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
इसके बाद 2018 में ही जगतपुरा शूटिंग रेंज जयपुर में स्टेट लेवल तीरंदाजी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर नेशनल चैम्पियनशिप के लिये क्वालिफाई कर लिया तथा 26 अक्टूबर 2018 को विजयवाड़ा आंध्रप्रदेश में राजस्थान की टीम के साथ राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता, यहाँ यशी शर्मा की राष्ट्रीय स्तर पर 9 वीं रैंक रही।
नवम्बर 2018 को नागपुर में आयोजित द्वितीय राष्ट्रीय तीरंदाजी चैम्पियनशिप में सम्पूर्ण भारत मे प्रथम रैंक के साथ ही स्वर्ण पदक प्राप्त किया और सवाई माधोपुर व राजस्थान का नाम राष्ट्रीय स्तर पर चमकाया।
जनवरी 2019 में संयुक्त भारत खेल संघ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय तीरंदाजी चैम्पियनशिप में यशी शर्मा ने राजस्थान का नेतृत्व करते हुऐ प्रथम रैंक के साथ स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
इसके बाद यशी शर्मा ने मई 2019 को अजमेर में आयोजित राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वर्ण पदक जीता और राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम रैंक प्राप्त की। मार्च 2020 को इसरो के पूर्व अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद डॉ. के.कस्तूरी रंगन एवं उदयपुर राज परिवार के युवराज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ द्वारा यशी शर्मा को 38वें सम्मान समारोह में भारत का प्रतिष्ठित महाराणा फतेह सिंह अवार्ड 2020 दिया गया।
मार्च 2021 को पाली (मारवाड़) में राजस्थान तीरंदाजी एसोसियेशन द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय तीरंदाजी चेम्पियनशिप में कांस्य पदक प्राप्त किया। यशी के पिता श्रीकृष्ण शर्मा भी तीरंदाजी करते है और एक निजी महाविद्यालय में प्राचार्य है।
यशी कक्षा 7 में अध्ययन के साथ नियमित रूप से 6 घण्टे तीरंदाजी का अभ्यास करती है। इसी का परिणाम है कि बालिका यशी ने तिरंदाजी में कई पदक जीत कर नारी शक्ति का प्रदर्शन किया है और अपनी हम उम्र बालिकाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी हुई है।