राजकीय कन्या महाविद्यालय में लैंग्वेज क्लब के तत्वाधान में अंतर्भाषा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
लैंग्वेज क्लब प्रभारी आरती सिंह भदोरिया ने बताया कि महाविद्यालय की छात्राओं में अंतर्भाषा संवाद को प्रोत्साहित करने हेतु उर्दू-हिंदी के पारस्परिक संबंध पर राजकीय महाविद्यालय सांगोद के व्याख्याता डॉक्टर मोहम्मद नईम ने उर्दू हिंदी ज़बान की गंगा-जमुनी विरासत का उल्लेख करते हुए कहा की “उर्दू जिसे कहते हैं तहजीब का चश्मा है”।
साथ ही उन्होंने छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए बताया की उर्दू और हिंदी दोनों ही ज़बानों का विकास खड़ी बोली से हुआ है और यह दोनों सगी बहनें हैं।
इस दौरान उन्होंने ने कई सारे उर्दू और हिंदी के शेरों के माध्यम से भी दोनों भाषाओं के संबंधों पर प्रकाश डाला:
सगी बहनों का जो रिश्ता है उर्दू और हिंदी में,
कहीं दुनिया की दो ज़िन्दा ज़बानों में नहीं मिलता।
कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने उर्दू के विख्यातनाम शायरों के शेर भी याद किए।
इस अवसर पर प्राचार्य रूपवती पीपल ने ऐसे कार्यक्रमों के अधिकाधिक आयोजन पर बल दिया।
इस दौरान लैंग्वेज क्लब के सदस्य डॉक्टर प्रदीप मीणा, डॉक्टर महेश कुमावत, मनोज कुमार तोमर सहित महाविद्यालय के स्टाफ मेम्बर भी उपस्थित रहे।