जैन धर्म के 18वें तीर्थंकर भगवान अरहनाथ का गर्भ कल्याणक महोत्सव सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा श्रद्धा व हर्षोंल्लास पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर श्रद्धा व आस्था के रंग से सराबोर नगर परिषद क्षेत्र के जिनालयों में पूजा-अर्चना के कार्यक्रमों में धर्मावलम्बियों ने बढ-़चढ़ कर भाग लिया। इस दौरान साहूनगर के दिगम्बर जैन मंदिर सहित नगर के अन्य मंदिर भगवान अरहनाथ के जयकारों से गूंज रहे थे।
समाज के प्रवक्ता प्रवीण कुमार जैन ने बताया कि इस मांगलिक अवसर पर जिनालयों में सुबह दिव्य मंत्रोच्चार पूर्वक पुनित जल से जयकारों के साथ रजत कलशों द्वारा जिनेन्द्र देव का अभिषेक किया गया। अभिषेक कार्यक्रमों में इन्द्र के परिवेश में धर्मावलम्बियों ने कतारबद्ध रूप से जयकारों के बीच शामिल होकर पुण्यार्जन किया तथा विश्व कल्याण की कामना के साथ शांतिधारा कर जिनेन्द्र देव के चरणों में प्रवाहित की गई।
शांति पाठ व विसर्जन विधि के साथ पूजा सम्पन्न हुई। पूजन के उपरांत जिनेन्द्र देव की मंगल आरती उतारी गई और भगवान अरहनाथ का गुणमान कर पुण्य का संचय किया।
इस मौके पर दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी आलनपुर के पंडित उमेश जैन शास्त्री ने गर्भ कल्याणक के महत्व पर प्रकाश डालते हुये तृष्णा से बचने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान की पूजा, भक्ति, अभिषेक आदि धार्मिक क्रियाओं का प्रभाव मन-वचन-काया पर पड़ता है और जीवन का विकास धन से नहीं धर्म से होता है।
इसी प्रकार शहर स्थित पाश्र्वनाथ मुदायमी दिगम्बर जैन मन्दिर एवं आदिनाथ सांवलियान दिगम्बर जैन मन्दिर में हुए प्रेरणास्पद शास्त्रवाचन कार्यक्रमों में श्रावक-श्राविकाओं ने जिनवाणी का विनय पूर्वक श्रवण कर धर्मलाभ लिया।
इस गरिमामयी प्रसंग पर पदम चन्द बिलाला, विजय पल्लीवाल, मुन्नालाल जैन, शशी मित्तल, अनिता जैन, मिथलेश जैन सहित काफी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति ने आयोजन को शोभायमान किया।
साथ ही भगवान अरहनाथ के गर्भकल्याणक की पूर्व संध्या पर मुनि श्री 108 सुधासागरजी की प्रेरणा से समाज द्वारा नेमिनाथ सोशल ग्रुप के नेतृत्व में भक्ति एवं आस्था के रंग में डूबी आलनपुर स्थित दिगम्बर जैन नेमीनाथजी की नसियां में णमोकार महामंत्र का जाप, भक्तामर स्त्रोत पाठ का धर्म प्रभावना पूर्वक आयोजन किया गया। आयोजन के प्रति धर्मावलम्बियों ने अपनी आस्था प्रकट की।
कार्यक्रम के अन्त में जिनेन्द्र देव की मंगल आरती उतारी गई।