कोरोना की दूसरी लहर के ट्रेंड पहली लहर के ट्रेंड से अलग हैं तथा ज्यादा खतरनाक हैं लेकिन हम एकजुट और सावधान रहें तो इससे मुकाबला ज्यादा मुश्किल भी नहीं है। जहाँ कोरोना की पहली लहर में ज्यादा शिकार बुजुर्ग और अधेड़ हुए वहीं दूसरी लहर युवाओं को ज्यादा शिकार बना रही है। जिले में वर्तमान में 389 पाॅजिटिव केस में से 256 यानि दो तिहाइ 45 साल से कम आयु के हैं, वहीं 133 केस 45 साल से अधिक आयु वर्ग में है। इसका कारण चिकित्सकों से जाना गया तो उन्होंने बताया कि वैक्सीन लगने से 45 वर्ष से अधिक आयु के कम संक्रमित हो रहे है। जहाँ पहली लहर में बुजुर्ग और दूसरे गम्भीर रोगों से पीड़ित व्यक्ति कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण शिकार बने, वहीं दूसरी लहर में वे कोविड-19 वैक्सीन लगाने के कारण काफी हद तक बच गये। वैक्सीन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है तथा दुर्भाग्य से वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना हो जाए तो केजुअल्टी के चांस लगभग जीरो हैं। दूसरी ओर युवाओं में बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता होने के कारण वे पहली लहर में संक्रमित होने के बावजूद अधिकांश मामलों में तेजी से रिकवर हो गये। लेकिन युवाओं की मोबिलिटी एवं आवाजाही अधिक होने तथा कुछ हद तक लापरवाही बरतने से इस बार दूसरी लहर में 45 वर्ष से कम आयु के एक्टिव मरीजों की संख्या अधिक है। इस सम्बंध में जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने जिले के सभी युवाओं से अपील की है कि आपकी जान आपके परिवार के साथ ही प्रशासन और राज्य सरकार के लिये भी बहुत महत्वपूर्ण है। कोरोना का नया स्ट्रेन बहुत घातक है। कम से कम घर से निकले, आजीविका के लिये घर से निकलना जरूरी हो तो सही तरीके से मास्क लगा कर ही निकलें, भीड़भाड़ में जाने से बचें, किसी से भी हाथ न मिलाएं। यह समझ कर मास्क न हटाएं कि सामने वाले व्यक्ति को तो मैं अच्छी तरह से जानता हूं, इसके कोरोना नहीं है। आश्चर्य की बात यह है कि अब अधिकतर ऐसे व्यक्ति पाॅजिटिव आ रहे हैं जिनमें कोरोना का कोई भी लक्षण नहीं है। जिले में आज की स्थिति में एक्टिव 389 में से 362 पाॅजिटिव बिना लक्षण वाले हैं। इसका कारण यह भी हो सकता है कि नये स्ट्रेन में लक्षण भी बदल गए हों। सभी व्यक्ति मास्क लगाए।
यदि आप स्वस्थ हैं और मास्क लगा रहे हैं तो खुद को संक्रमण से बचा रहे हैं। यदि आपको कोरोना है लेकिन लक्षण नहीं है, जाॅंच नहीं करवाई है और मास्क लगा रहे हैं तो दूसरों को संक्रमण से बचा रहे हैं। कलेक्टर ने बताया कि सावधानी और सतर्कता ही जिले को कोरोना की भयावहता से बचाएगी। सावधानी बरतनी है लेकिन घबराना नहीं है। कोरोना संक्रमित की समय पर जाॅंच होने पर जीवन बचने की सम्भावना बहुत ज्यादा है। अतः अपने नजदीकी सेंटर पर जाकर आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाएं। जिले में जल्द ट्रेसिंग और ज्यादा जाॅंच होने के कारण कुल पाॅजिटिव केस 389 में से क्रिटिकल मात्र 4 हैं। उल्लेखनीय है कि जिले में अब तक लिये 1 लाख 2 हजार 581 सैंपल में से 1 लाख 2 हजार 44 की रिपोर्ट मिल चुकी है। इनमें से 2892 यानि केवल 2.64 प्रतिशत पाॅजिटिव मिले हैं। जिले में 1 लाख 45 हजार लोगों ने पहली डोज तथा 21 हजार ने दूसरी डोज ले ली है। इनमें से अधिकांश 45 साल से अधिक आयु के लोग हैं तथा हैल्थ वर्कर्स एवं फ्रंटलाइन वर्कर हैं।