हिन्दुस्तान शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राजा एडवोकेट ने जिला एवं नगर परिषद प्रशासन पर आरटीआई कानून की अवहेलना करने का आरोप लगता हुए कहा कि जिले में आरटीआई कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
हिन्दुस्तान शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक प्रेस बयान जारी कर बताया की उन्होंने 24 फरवरी 2020 को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत एक आवेदन सवाई माधोपुर नगर परिषद आयुक्त के जन सूचना अधिकारी के नाम नियमानुसार शुल्क जमा करा कर लगाया था व कुल आठ सूचनाऐं उनके विभाग से माँगी थी। नियम के अनुसार जन सूचना अधिकारी या आयुक्त को ये सभी सूचनाएं एक माह के अंदर उन्हें देनी चाहिए थी परंतु कई महीने बीतने के बाद भी नगर परिषद सवाई माधोपुर की ओर से उन्हें कोई सूचना नही दी गई। मजबूरन उन्होंने इस बाबत जिला कलेक्टर सवाई माधोपुर को 29 जुलाई 2020 को प्रथम अपील दायर की। जिस पर कलेक्टर ने उनकी अपील को सुन कर उनकी यह अपील भी नगर परिषद के आयुक्त को उनका अधिकार क्षेत्र होने के कारण 10 अगस्त 2020 को उन्हें भेज दी। परंतु आज तक ना तो नगर परिषद के आयुक्त ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत उनके द्वारा माँगी गई कोई सूचना दी हैं ओर ना ही उनकी प्रथम अपील पर कोई आदेश ही दिया है।
राजा ने बताया की जब नगर परिषद के मुखिया ही आरटीआई कानून की इस प्रकार सरेआम धज्जियाँ उड़ा रहे हैं और जिला कलेक्टर का आदेश भी नहीं मान रहे तो उनके अधीनस्थ कर्मचारियों या उनसे जनता क्या उम्मीद कर सकती हैं।
राजा ने बताया कि वो सूचना अधिकार अधिनियम के अनुसार नगर परिषद के आयुक्त और जन सूचना अधिकारी के विरुद्ध अब जल्द ही मुख्य सूचना आयुक्त जयपुर की कोर्ट में द्वितीय अपील दायर करेंगे। जिसके अनुसार ऐसे लपरपाह अधिकारियों पर 25000 हजार रुपए तक के जुर्माने व विभागीय कार्यवाही करने का प्रावधान हैं। साथ ही उन्हें हरसमेंट करने तंग व परेशान करने के लिए कानून अनुसार केस अलग से जिला न्यायालय में दायर करेंगे।