राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति शाखा सवाई माधोपुर ने नबीशेर खान एवं सगीर खान के नेतृत्व में उर्दू शिक्षा संबंधी विभिन्न मांगों का एक मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम का जिला प्रशासन को सौंपा। समिति के जिला संयोजक मोइन खान ने बताया कि उर्दू भाषा चूरु जिले के ठाकुर शमशेर खान भालू के नेतृत्व में 1 नवम्बर को चुरू से दांडी (गुजरात) तक विभिन्न मांगों को लेकर पैदल दांडी यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस यात्रा का मकसद उर्दू की बदहाल स्थिति की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करना तथा जननमानस में जागरूकता पैदा करना है।
मगर इन मांगों पर अब तक सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। राजस्थान सरकार की भाषा के प्रति संवेदनात्मक भावना के बावजूद भी प्रशासनिक स्तर पर उर्दू भाषा की अनदेखी की जा रही है। सरकार इस ओर जल्द ध्यान दे। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उर्दू के पद वृद्धि, प्रदेशभर में स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर समाप्त किए गए प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के उर्दू के पदों का पुनः सृजन, तृतीय भाषा को स्टाफिंग पैटर्न से बाहर रखा जाए, कक्षा 1 से उर्दू विषय पढ़ाने की स्वीकृति, महात्मा गांधी विद्यालयों में उर्दू भाषा के पद सृजन, मदरसों में राजकीय विद्यालय समान सुविधा उपलब्ध करवाने, मदरसा सहयोगी को स्थायी करने, समस्त डाइट में उर्दू व्याख्याता के पद एवं समस्त मॉडल स्कूल में उर्दू विषय के पद स्वीकृत किए जाने संबंधी मांगो सहित एक मांग पत्र सवाई माधोपुर शाखा द्वारा मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर महोदय को दिया गया। इस अवसर पर इमरान खान, आबिद खान, नफीश खान, इंसाफ खान, मिनहाजुल, असलम खान, कलाम खान, कादिर खान, जाविद खान सहित समिति के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।