भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह भाया ने जिला मुख्यालय स्थित नगर परिषद क्षेत्र शहर रामद्वारा शमशान घाट के रास्ते में सार्वजनिक शौचालयों को तुड़वाने के मामले को लेकर इस्तगासा धारा 190 सीआरपीसी के तहत पेश कर अली मोहम्मद सहित आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है। यह शौचालय भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत बनवाया गया था। जोकि वार्ड 24 के पार्षद जो वर्तमान में नगर परिषद के उपसभापति भी हैं ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए नगर परिषद सभापति विमल महावर, आयुक्त रविन्द्र यादव, राजस्व अधिकारी सीमा मीना व कनिष्ठ अभियन्ता नीलम कोठारी पर दबाव बनाकर तुड़वाने को लेकर न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सवाई माधोपुर के यहाँ इस्तगासा धारा 190 सीआरपीसी के तहत पेश कर अली मोहम्मद सहित सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है।
इस्तगासे में वीरेन्द्र सिंह ने आरोप लगाते हुए बताया कि अली मोहम्मद ने पार्षद चुनाव के पूर्व वार्ड 24 के मतदाताओं से वादा किया था कि उन्हे अगर पार्षद चुनाव जीता दिया तो वे शमशान के रास्ते में बने 9 बायो शौचालयों को तुड़वा देगें। उन्होंने चुनाव जीतने के बाद सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का जो वादा किया वो उसे सभापति, आयुक्त व अन्य अधिकारियों पर पद का दुरूपयोग करते हुए दबाव बनाकर सभी शौचालय तुड़वा दिये। जिन लोगों को शौचालय की सुविधा मिल रही थी, उन्हे उससे मोहताज कर दिया।
इस्तगासे में वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने 12 जनवरी को शौचालय तुड़वाने को लेकर पुलिस अधीक्षक को वाद प्रस्तुत कर उक्त लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की थी। लेकिन पुलिस अधीक्षक ने कोई कार्यवाही नहीं की तो प्रार्थी को न्यायालय की शरण में आना पड़ा है।
इस्तगासे में बताया गया है कि एक शौचालय के निर्माण पर 40 हजार रूपये का खर्चा आया था। इस प्रकार 9 शौचालय जो सरकारी सम्पत्ति थे जिन पर तीन लाख 60 हजार रूपये का खर्चा आया था।