गुड गवर्नेंस में रोड़ा अटकाने वाले कार्मिकों के खिलाफ जीरो टोलरेंस की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नीति का अक्षरशः पालन करते हुए जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने गत दिनों जिला परिषद के तत्कालीन अधिशासी अभियंता (मनरेगा) हरि सिंह मीणा को कार्यमुक्त कर कार्यालय शासन सचिव एवं आयुक्त ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मुख्यालय के लिये रिलीव कर उनके कार्यों की जांच शुरू करवाई थी।
इस मामले में कलेक्टर द्वारा तत्कालीन अधिशासी अभियंता को महात्मा गांधी नरेगा का प्रभारी अधिकारी रहते हुए 1 दिसंबर 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक स्वीकृत करवाए गए कार्यों की जांच करवाई गई। उन्होंने मीना को दी गई 16 सीसीए की चार्जसीट में बताया है कि उनके द्वारा इस अवधि में 10 करोड़ 69 लाख 52 हजार 269 रूपए राशि के 190 कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां जारी की गई। चार्जशीट में बताया कि उक्त कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां जिला कलेक्टर एवं सीईओ जिला परिषद की जानकारी एवं अनुमोदन के बिना जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर की सिक्योर सोफ्ट यूजर आईडी एवं पासवर्ड का उपयोग कर जारी कर दी गई। कलेक्टर ने अधिशासी अभियंता के इस कृत्य को घोर वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितता एवं राजकीय कार्य के प्रति अनुशासनहीनता मानते हुए आरोप पत्र दिया है। इसके साथ ही कलेक्टर ने अधिशासी अभियंता मीना के समय के पुराने कार्यों की जाचं करवाने के निर्देश भी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को दिए है।