Friday , 6 June 2025
Breaking News

समर्पण से युक्त एवं अहम भाव से मुक्त ही वास्तविक भक्ति है – सत्गुरू माता सुदीक्षा जी

समर्पित एवं निष्काम भाव से युक्त होकर ईश्वर के प्रति अपना प्रेम प्रकट करने का माध्यम ही भक्ति है। उक्त उद्गार सत्गुरू माता सुदीक्षा महाराज ने 12 फरवरी को महाराष्ट्र समागम के द्धितीय दिन के समापन पर अपने प्रवचनों द्वारा व्यक्त किए। मीडिया सहायक प्रज्वल प्रजापति ने बताया कि भक्ति की परिभाषा को बताते हुए सत्गुरू माता ने कहा कि भक्ति कोई दिखावा नहीं, यह तो ईश्वर के प्रति अपना स्नेह प्रकट करने का एक माध्यम है, जिसमें भक्त अपनी कला जैसे गीत, नृत्य एवं कविता के माध्यम से अपने प्रभु को रिझाने के लिए सदैव ही तत्पर रहता है।
सत्गुरू माता सुदीक्षा ने प्रतिपादन किया कि वास्तविक भक्ति किसी भौतिक उपलब्धि के लिए नहीं की जाती अपितु प्रभु परमात्मा से निस्वार्थभाव से की जाने वाली भक्ति ही ‘प्रेमाभक्ति‘ होती है। भक्ति केवल कानरस के लिए नहीं, यह तो ईश्वर को जानने के उपरांत हृदय से की जाने वाली प्रक्रिया है। यह किसी नकल या दिखावे से नहीं की जाती। यदि हम केवल पुरातन संतों की क्रियाओं का अनुकरण करके भक्ति करेगें तो उसे वास्तविक भक्ति नहीं कहा जा सकता हमें इन संतों के संदेशों का मूल भाव समझना होगा। सच्चा भक्त वही है जिसमें स्वंय को प्रकट करने की भावना नहीं होती बल्कि, वह तो ईश्वर के प्रति पूणर्तः समर्पित होता है।
Real Bhakti is full of dedication and free from egoism - Satguru Mata Sudiksha ji
भक्ति में जब हम इस पहलू को प्राथमिकता देते चले जाएंगे, तो हम यह महसूस करेंगे कि अपनी अहम भावाना को त्यागकर इस प्रभु परमात्मा के साथ इकमिक होते चले जाएंगे। इस बात को सत्गुरू माता ने एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया कि सागर बहुत गहरा और ठहरा होने के बावजूद भी गतिमान रहता है, इसलिए उसमें कभी काई नहीं जमा होती, जबकि अन्य जगहों पर ठहरे हुए पानी पर काई जम जाती है। इस उदाहरण से हमें यही शिक्षा मिलती है कि भक्ति रूपी नदी का बहाव तो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसमें भक्त अपने भगवान के प्रति समर्पित हो जाता है। भक्ति को और परिपक्व बनाने के लिए सेवा, सुमिरण एवं सत्संग यह तीन आयाम है, जिससे जुड़कर विश्वास और दृढ़ हो जाता है और फिर किसी प्रकार की नकारात्मक रूपी काई मन में नहीं जमा होती।
समागम के दूसरे दिन का शुभारंभ एक आकषर्क सेवादल रैली से हुआ। इस रैली में सेवादल स्वयंसेवकों ने जहां पी. टी. परेड, शारीरिक व्यायाम के अतिरिक्त मल्लखंब, मानवीय पिरामिड, रस्सी कूद जैसे विभिन्न करतब एवं खेल प्रस्तुत किए। मिशन की विचारधारा और सत्गुरू की सिखलाई पर आधारित लघुनाटिकायें भी इस रैली में प्रस्तुत की गई। सत्गुरू माता सुदीक्षा महाराज ने सेवादल रैली को अपना आशीवार्द प्रदान करते हुए कहा कि सेवा के द्वारा ही अहम् की भावना को समाप्त किया जा सकता है और सेवा करते समय हमें इस बात का अवश्य ध्यान देना चाहिए कि हमारे मुख एवं कर्मों द्वारा कोई ऐसा कार्य हमसे न हो जाये, जिससे किसी को ठेस पहुंचे।

About Vikalp Times Desk

Check Also

Fine imposed on 16 tourist vehicles in Ranthambore Sawai Madhopur

रणथंभौर में 16 पर्यटक वाहनों पर लगाया जुर्माना

रणथंभौर में 16 पर्यटक वाहनों पर लगाया जुर्माना       सवाई माधोपुर: रणथंभौर नेशनल …

Duty Magistrate appointed during prayers on the occasion of Eid al-Adha in sawai madhopur

ईद उल-अज़हा के अवसर पर नमाज़ के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त

सवाई माधोपुर: सवाई माधोपुर जिले में 7 जून को ईद उल-अज़हा का त्यौहार मनाया जाएगा। …

Youth Tree Hospital Sawai Madhopur News 4 June 25

पेड़ की टहनी गिरने से युवक की मौ*त

सवाई माधोपुर: सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के पुराने शहर स्थित अंसारी मोहल्ले में तेज हवाओं …

Ambedkar Circle was damaged due to collision with an unknown vehicle in bonli Sawai madhopur

अज्ञात वाहन की टक्कर से अंबेडकर सर्किल हुआ क्षतिग्रस्त

अज्ञात वाहन की टक्कर से अंबेडकर सर्किल हुआ क्षतिग्रस्त     सवाई माधोपुर: अज्ञात वाहन …

Gravel Mining Bonli Police Sawai Madhopur News 04 June 25

अ*वैध बजरी का परिवहन करते 3 ट्रैक्टर-ट्रॉली, 2 लोडर जब्त

अ*वैध बजरी का परिवहन करते 3 ट्रैक्टर-ट्रॉली, 2 लोडर जब्त     सवाई माधोपुर: बौंली …

error: Content is protected !! Contact Vikalp Times Team !