चिकित्सा विभाग द्वारा संचालित सांस कार्यक्रम के अंतर्गत आज गुरूवार को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तेजराम मीना की अध्यक्षता में किया गया। सांस कार्यक्रम का प्रशिक्षण डॉ. हेमलता मीना एवं डॉ. भारतेंदु मंगल द्वारा दिया गया।
प्रशिक्षण जीएनएम एवं एएनएम को दिया गया। प्रशिक्षकों ने सभी को बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को निमोनिया से बचाना है। यह एक गंभीर बीमारी है। देश में 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है।
इसलिए घरेलू उपचार में समय नहीं गवायां जाना चाहिए। निमोनिया के लक्षण दिखाई देने पर बच्चे को तुरंत नजदीकी राजकीय चिकित्सा केंद्र पर लेकर जाना चाहिए और चिकित्सक से उपचार करवाया जाना चाहिए। बच्चे को तेजी से जुकाम व बुखार बढ़ने, तेजी से सांस चलने, सांस लेने में परेशानी होने, सांस लेते समय पसलियां चलना, छाती का धसना या तेज बुखार होना निमोनिया के लक्षण हैं।
सभी को बच्चों में निमोनिया के लक्षण पहचानने साथ ही लक्षण होने पर बच्चे को किस प्रकार का उपचार दिया जाना है संबंधी प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही सभी को सांस स्किल लैब में भी डमी प्रशिक्षण दिया गया।