सरकार में समाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ जन जन तक पहुंचाने के लिए काफी प्रयास किये उसके बावजूद भी जमीनी स्तर पर गांव ढाणियों में पात्रता रहते हुए भी जानकारी के अभाव में योजनाओं का लाभ उन लोगों को नही मिल पा रहा है जो समाज के अन्तिम छोर पर खड़े है, जिनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है मगर अशिक्षा भी एक कारण है। बाल संरक्षण यात्रा शुक्रवार को बागडोली पहुंची। जिला प्रशासन, बाल अधिकारिता, यूनिसेफ एवं पीसीसीआरसीएस द्वारा चलाई जा रही यात्रा का ग्राम पंचायत द्वारा स्वागत किया गया।
राजीव गांधी केन्द्र में सदस्यों के साथ बैठक कर सरपंच गंभीरमल गुर्जर की अध्यक्षता में बैठक कर ग्राम भ्रमण की रूपरेखा तैयार की गई। यात्रा दल की घर घर दस्तक के दौरान बाल मित्र सोना बैरवा को ममता देवी बताती है कि उनका पति राजेश सैनी मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था। कूआं खोदते समय मिट्टी में दबने के कारण मौत हो गई। विधवा पेंशन का लाभ तो मिलना शुरू हो गया किन्तु पात्रता रखते हुए उसके दो बच्चे अंकित 11 वर्ष और मोहित 8 वर्ष को पालनहार योजना की जानकारी नहीं होने के कारण लाभ नहीं मिल रहा था।
यात्रा के बाल मित्रों ने पालनहार की लाभ दिलाने की कवायद प्रारम्भ की। इसी तरह बागडोली की सलमा अपने दोनों बच्चों के साथ जैसे तैसे जीवन बसर कर रही है। पति से सात वर्ष पहले अलगाव हो गया था मुकदमा चल रहा है। मगर ना तो परित्यक्ता पेंशन का लाभ मिल रहा है ना बच्चों को पालनहार का। मानसिक विकलांग सुमित्रा के ससुराल वालों ने नाता तोड़ लिया। ढाई वर्ष से अपने माता के साथ रह रही है। मां विधवा पेंशन से घर चलाती है। बाल मित्रों द्वारा बाल संरक्षण मेले में प्रमाण पत्र बनवाने की कवायद प्रारम्भ की।
भ्रमण के दौरान योजनाओं के 22 आवेदन आनलाईन कराने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई। गुरूवार रात्रि कोलाड़ा में राउमा विद्यालय प्रांगण में आयोजित चौपाल में बाल हिंसा, बाल विवाह, बालश्रम जैसे मुददों पर भावनात्मक फिल्म डाली देखकर महिलाओं ने इसे सार्थक पहल बताया। ग्रामीण गीता देवी बताती है कि बच्चों के साथ शोषण अधिकतर उसके जानकार ही करते है। फिल्म के माध्यम से अच्छा संदेश दिया गया है। इस अवसर पर सरपंच भंवर सिंह राजावत, उप सरपंच हरिराम गुर्ज यात्रा समन्वयक कैलाश सैनी, सीताराम गर्जर, बाल मित्र सोना बैरवा, जितेन्द्र सिंह, सफिस्ता खान, राकेश वर्मा, धर्मेन्द उपस्थित थे।