एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी द्वारा आज मंगलवार को ब्यूटी पार्लर, मेहंदी, कागज और कपड़े की थैली बनाने का प्रशिक्षण शिविर नाबार्ड के सूक्ष्म और उधम विकास कार्यक्रम का समापन किया गया। आजीविका चलाने के उद्देश्य से यह शिविर आयोजित किया गया था। कार्यक्रम डीडीएम पूनीत हरित ने कुशालीदर्रा गांव की 30 महिलाओं द्वारा 15 दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सीखें गए पार्लर एव मेहंदी के बारे में जानकारी ली।
डी.डी.एम नबार्ड पूनीत हरित ने बताया की महिलाएं प्रशिक्षण के बाद अपने लिए रोजगार की शुरुआत कर सकती है। इसके लिए नाबार्ड एवं संस्था आगे भी सहयोग करते रहेंगे। ब्यूटी पार्लर एवं मेहंदी आज के समय में एक अच्छा रोजगार का साधन है और शादी त्योहारों में आपना एक महत्व रखता है। इसके साथ ही डी.डी.एम पूनीत हरित ने हलोंदा गांव में भी मेहंदी, कागज एवं कपड़े की थैली बनाने का प्रशिक्षण शिविर जो की राजीविका समूह की 30 महिलाओं द्वारा 15 दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा था उसका भी निरीक्षण किया। इस दौरान महिलाओं द्वारा 15 दिन में जो कागज एवं कपड़े की थैली बनाई गई उनका भी निरीक्षण किया गया।
एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष जय कुमार बेनीवाल ने बताया की महिलाएं शादी, त्योंहार आदि पर पार्लर का काम शुरू कर और साथ ही कागज एवं कपड़े की थैली बना कर महिलाएं अपनी आजीविका चला सकती है। साथ ही अपने पर्यावरण को भी प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से बचा सकती है। कार्यक्रम समन्वयक नवीन बबेरवाल ने बताया की राजीविका द्वारा बनाये गये महिला समूहों के साथ पार्लर का काम शुरू कर एवं साथ ही कागज एवं कपड़े की थैली बना कर अपनी जीविका चला सकती है। प्रशिक्षण देने के बाद उन समूहों को बाजार उपलब्ध करवाने तक का प्रशिक्षण कार्यक्रम एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी द्वारा किया जाएगा।
साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित कागज एवं कपड़े की थैली की प्रशिक्षक रिंकू मल्होत्रा और ब्यूटी पार्लर, मेहंदी प्रशिक्षक निकिता गोयल एवं अनिता ने बताया की महिलाएं समूह में कार्य कर घर बैठे अपनी आजीविका चला सकती है। उन्होंने विभिन्न त्योंहारों एवं शादियों में किये जाने वाले मेकअप के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गए। एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी के कोषाध्यक्ष अनुपम मोरवाल ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान मनमोहन कुमावत, अजय जैन, बुद्धिप्रकाश मीणा आदि लोग मोजूद रहे।