लम्पी स्किन रोग (गांठदार त्वचा रोग) गौवंश पशुओं का एक संक्रामक रोग हैं। यह रोग, रोगी पशु से अन्य स्वस्थ पशुओं में रोग का प्रसार रक्त चूसने वाले अथवा काटने वाले कीटों जैसे मच्छर, काटने वाली मक्खी, जूं, चींचड़े इत्यादि से होता हैं। यह रोग, रोगी पशु के सम्पर्क से, लार से, गांठों में मवाद, जख्म से, संक्रमित चारे-पानी से भी स्वस्थ पशु में फैल सकता हैं। गौवंशीय पशुओं के इस संक्रामक रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम का सर्वोत्तम उपाय स्वस्थ पशुओं को संक्रमण की चपेट में आने से बचाना हैं। इस रोग में आमतौर पर हल्के से लेकर गंभीर रूप तक बुखार हो सकता है। शरीर में जगह-जगह गांठ हो जाती है। इस स्थिति में पशुओं को अगर सही उपचार या देशी उपचार मिल जाये तो, वो पशु 5-7 दिन में ठीक हो जाता हैं।
जिला सवाई माधोपुर में वर्ष 2019 की गणना अनुसार 77 हजार 627 गौवंश हैं। वर्तमान में सवाई माधोपुर जिले में लम्पी स्किन बीमारी का प्रकोप चल रहा हैं। 19 सितम्बर तक 14 हजार 411 पशु लम्पी रोग से ग्रसित हो गए हैं जिनमें से 5 हजार 30 गाय इस रोग से ठीक हो चुकी हैं तथा 551 गौवंश की मृत्यु हो गई है, मृत्यु दर लगभग 3 प्रतिशत है। जिले में 23 रजिस्टर्ड गौशालाएं संचालित हैं। जिसमें से 13 गौशालाएं की 317 गाएं संक्रमित हो गई हैं और 16 गौवंश की मृत्यु हो चुकी है। इन सभी पशुओं का पशु चिकित्सा संस्थाओं द्वारा नियमित उपचार किया जा रहा हैं। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक बीएल गुप्ता ने बताया कि रोग से ग्रसित पशुओं में उपचार हेतु पशुपालन विभाग के 36 पशु चिकित्सा अधिकारी एवं 148 पशुधन सहायक जिले की समस्त तहसीलों पर टीम के माध्यम से आवश्यकतानुसार कर्मठता एवं मुस्तैदी से कार्य कर रहे है।
जिन ग्राम पंचायतों में अधिकतम पशु इस रोग से ग्रसित है वहां प्रशासन की सहायता से संक्रमित पशुओं की देखभाल हेतु आईसोलेशन वार्ड बनाकर संक्रमित पशुओं का उपचार किया जा रहा है। असंक्रमित पशुओं को स्वस्थ रखने हेतु उनके बाडे में सोडियम हाईपोक्लोराईड अथवा साईपर मेथरिन का स्प्रे करवाया जा रहा है। साथ ही पशुपालकों को पशुओं की इम्युनिटि बढ़ाने हेतु संतुलित आहार देने पर जोर दिया जा रहा है। आवारा पशुओं में रोग लक्षण पाये जाने पर संबन्धित ग्राम पंचायत के आईसोलेशन वार्ड में भेजकर उपचार किया जा रहा है, मृत पशुओं का निस्तारण ग्राम पंचायत द्वारा वैज्ञानिक तरीके से करवाया जा रहा है।
लम्पी स्कीन के मध्यनजर राज्य सरकार द्वारा जिले में 12 नवीन पशुधन सहायकों को नियुक्ति दी जा रही है साथ ही 12 अन्य पशुधन सहायकों को शीघ्र ही, लम्पी ग्रस्त क्षेत्रों में नियुक्ति दी जावेगी। संक्रमित पशुओं के उपचार हेतु औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु विधायक कोष से प्राप्त राशि का भी उपयोग किया जा रहा है। सवाई माधोपुर जिले के बामनवास, बौंली, गंगापुर सिटी एवं चौथ का बरवाड़ा में इस रोग का प्रकोप ज्यादा हैं एवं खण्डार, वजीरपुर में रोग प्रकोप कम है। जिले के अधिकारियों द्वारा इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जा रही हैं। इस हेतु राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त वाहनों की व्यवस्था हेतु निर्देशित किया गया। जिले में रोग आने से पूर्व, गौशालाओं में 4 हजार 155 पशुओं में टीकाकरण किया गया वर्तमान में टीकाकरण केवल उन्ही क्षेत्रों में किया जा रहा है जिसमें 21 दिन से कोई भी नवीन लम्पी का केस प्राप्त नहीं हुआ है।