भारत के पूर्व राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक, कुशल शिक्षक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन प्रामाणिकता, सादगी और विद्वता का उत्कृष्ट संगम था। भारत के सर्वोच्च पद पर पहुंचकर भी उन्होंने निर्भिमान और सदगीपूर्ण जीवन जीया और नई पीढ़ी को अपने विचारों से गहरे प्रभावित किया। अणुव्रत आंदोलन के साथ इनका नजदीकी जुड़ाव रहा। उन्होंने अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाप्रज्ञ से प्रेरणा प्राप्त कर शांति की मिसाइल बनाने का संकल्प लिया था और जीवन पर्यंत भारत और विश्व में शांति और सद्भाव के लिए काम करते रहे। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाप्रज्ञ के साथ मिल कर उन्होंने “द फैमिली एंड द नेशन” नामक प्रसिद्ध पुस्तक का सहलेखन किया था।
यह संयोग है कि इस पुरस्कार की घोषणा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साहब के 91वें जन्मदिन पर की जा रही है। पुरस्कार के अंतर्गत एक लाख इक्यावन हजार का चेक, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा जिसे डॉ. अब्दुल कलाम के पौत्र और एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन के सह-संस्थापक शेख सलीम ग्रहण करेंगे। यह जानकारी देते हुए अणुव्रत समिति सवाई माधोपुर के अध्यक्ष प्रकाश चन्द जैन व मंत्री प्रदीप जैन ने बताया कि पुरस्कार 31 अक्टूबर 2022 को छापर में अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण के सान्निध्य में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय अणुव्रत अधिवेशन के दौरान एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा।