रणथम्भौर नेशनल पार्क का मुख्य बन्द होने से पर्यटक हुऐ परेशान
पुलिस के समान वेतनमान बढ़ाने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश भर से सवाई माधोपुर में जुटे वनकर्मियों ने मंगलवार को रणथम्भौर नेशनल पार्क के मुख्य द्वार पर महापड़ाव डाल दिया और गणेश धाम स्थित रणथम्भौर नेशनल पार्क का मुख्य द्वारा बन्द कर दिया। इस दौरान प्रदेश भर से सैंकडों की संख्या में जुटे वनकर्मीयों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वनकर्मीयों द्वारा रणथम्भौर का मुख्य द्वारा बन्द करने की सुचना के साथ ही वन महकमें में खलबली मच गई। वन विभाग के आलाधिकारियों द्वारा उच्च अधिकारियों सहित वनमंत्री को मामले से अवगत करवाया गया। सरकार के इशारे पर रणथम्भौर बाघ परियोजना के वन संरक्षक वाई के साहू, उपवन संरक्षक मुकेश सैनी और एसीएफ संजीव शर्मा सरकार के संदेश वाहक बनकर वनकर्मियों के बीच पहुंचे और सरकार से प्राप्त वार्ता पत्र पढ़कर वनकर्मियों को सुनाया। जिसमें सरकार द्वारा आगामी 4 अक्टुबर को वनकर्मियों का एक 11 सदस्यीय दल वार्ता के लिये जयपुर बुलाने का प्रस्ताव था। जिसे महापड़ाव डालकर बैठे वनकर्मियों ने सिरे से नकार दिया। वनकर्मियों का कहना है की सरकार को वार्ता करनें के लिये अपने प्रतिनिधी रणथम्भौर भेजने होगें और वनकर्मीयों के महापड़ाव के बीच रणथम्भौर में ही सरकार से वार्ता की जायेगी। उनका कहना है की सरकार द्वारा वार्ता के नाम पर उन्हे हर बार धोखा दिया गया। मगर इस बार वे सरकार के झासों में नही आयेगें। वनकर्मियों का कहना है की अगर सरकार द्वारा आगामी दो दिनों में उनकी मांगों पर विचार नही किया गया तो प्रदेश भर से जुटे वनकर्मियों द्वारा रणथम्भौर के अन्य प्रवेश द्वारों को भी बन्द कर दिया जायेगा। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। वन कर्मियों द्वारा नेशनल पार्क का मुख्य द्वार बन्द कर देने के कारण पार्क भ्रमण पर जाने वाले पर्यटकों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा।