अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति के प्रतिष्ठित वैश्विक पटल पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश भक्ति गीतों से भरी शाम का सवाई माधोपुर से वर्चुअल आयोजन हुआ। देश भक्ति गीतों से भरी इस शाम में मुंबई से सुप्रसिद्ध क्ले आर्टिस्ट, म्यूजिक कंपोजर, गीतकार तथा लोक गायक विनोद दुबे, जयपुर से अंतरराष्ट्रीय स्तर के सुप्रसिद्ध वायलिन वादक गुलज़ार हुसैन, गाजियाबाद से इस पटल और संस्था के वैश्विक अध्यक्ष प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव, तथा सवाई माधोपुर से शिक्षाविद डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी शामिल रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी ने किया तथा अध्यक्षता पंडित सुरेश नीरव ने की। गुलजार हुसैन ने वायलिन पर बहुत ही सुरीले अंदाज़ में राष्ट्र गीत वन्दे मातरम् के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उसके बाद वायलिन पर ही गीत सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा, ऐ मेरे वतन के लोगों, दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए तथा ऋतु राज बसंती आदि गीत प्रस्तुत किए।
विनोद दुबे ने गीत भारत की मिट्टी चंदन है, इसके कण कण को वंदन है, कोई गम हो आंख नम हो, फलसफा है ज़िंदगी, नदिया ताल तलैया बंधु तथा सर्वजन की हम बनें पुकार आदि गीत प्रस्तुत किए। प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव ने गीत ऋतु राज ऋषि बसंत का शुभागमन हुआ, वैदिक अरण्य सा पवित्र आज मन हुआ, मैं खुद हूं नेत्र तीसरा शंकर के भाल का, मैं हूं अनित्य नृत्य, दिव्य महाकाल का प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी ने गीत ऐ मेरे प्यारे वतन ऐ मेरे बिछड़े चमन प्रस्तुत किया। कुल मिलाकर यह शाम बहुत ही सुंदर और सुरीली रही। देश और विश्व के अनेक क्षेत्रों से असंख्य लोगों ने इस कार्यक्रम को देखा, सुना और सराहा।